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झारखंड में तसर खेती की बेहतर संभावनाएं

खरसावां. सिल्क बोर्ड के अध्यक्ष हनुमंथरायप्पा ने किया दौरा, कहा चालू वित्तीय वर्ष में देश में चार हजार एमटी व झारखंड में ढ़ाई हजार एमटी तसर उत्पादन होने की संभावना 2030 तक सिल्क उत्पादन में चीन से भी आगे निकल जायेगा भारत खरसावां : पीएमओ के निर्देश पर सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) […]

खरसावां. सिल्क बोर्ड के अध्यक्ष हनुमंथरायप्पा ने किया दौरा, कहा

चालू वित्तीय वर्ष में देश में चार हजार एमटी व झारखंड में ढ़ाई हजार एमटी तसर उत्पादन होने की संभावना
2030 तक सिल्क उत्पादन में चीन से भी आगे निकल जायेगा भारत
खरसावां : पीएमओ के निर्देश पर सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) के अध्यक्ष केएम हनुमंथरायप्पा ने खरसावां का दौरा कर तसर खेती का जायजा लिया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोल्हान के साथ पूरे झारखंड में तसर खेती की काफी अधिक संभावनाएं है और झारखंड में तसर उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहा है. केंद्र सरकार ने सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्ययोजना शुरू कर दी है. इसी प्लानिंग को लागू करने के लिए पूरे देश का दौरा कर रहे है. झारखंड में तसर की खेती के लिए सब कुछ अनुकूल है.
श्री हनुमंथरायप्पा ने कहा कि तसर उत्पादन को दो गुना करना है. प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में सिल्क उद्योग की बड़ी भूमिका होगी. लोगों को ट्रेंड कर रोजगार से जोड़ा जायेगा. श्री हनुमंथरायप्पा ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में देश में 2879 मैट्रिक टन तसर का उत्पादन हुआ था, जिसमें झारखंड का 2152 एमटी तसर था. चालू वित्तीय वर्ष में देश में चार हजार एमटी व झारखंड में ढ़ाई हजार एमटी तसर उत्पादन होने की संभावना है.
श्री हनुमंथरायप्पा ने कहा कि चीन विश्व का सबसे बड़ा सिल्क उत्पादन देश है, लेकिन क्वालिटी के मामले में झारखंड का सिल्क उससे काफी अच्छा है. 2030 तक भारत सिल्क उत्पादन में चीन से भी आगे निकल जायेगा. 2020 तक छह हजार एमटी व 2030 तक 15 हजार एमटी तसर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
खरसावां पीपीसी में तसर की खेती का अवलोकन करते हनुमंथरायप्पा.
एक तसर पर किसान को मिलेंगे तीन रुपये
सेंट्रल सिल्क बोर्ड के अध्यक्ष केएम हनुमंथरायप्पा ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष तसर कोसा के समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की है. केंद्र सरकार तसर किसानों से एक तसर कोसा पर तीन रुपये की दर से खरीदारी करेगी. पिछले वर्ष प्रति तसर कोसा का समर्थन मूल्य 2.80 रुपया था. तसर किसानों से चाईबासा स्थित कच्चा माल बैंक में तसर कोसा की खरीदारी की जायेगी.
श्री केएम हनुमंथरायप्पा के साथ राज्य व केंद्र सरकार के अधिकारियों ने खरसावां के अग्रपरियोजना केंद्र व बुनियादी तसर बीज प्रंगुणन एवं विपणन केंद्र का भी निरीक्षण किया.
यहां अधिकारियों ने कोकून बैंक, ग्रेनेज हाउस का अवलोकन किया. मौके पर तसर रेशम कीट बीज संगठन के निदेशक डॉ कालीदास मंडल, सेंट्रल सिल्क बोर्ड डॉ अजीत सिंह, डॉ एन कुमार, डॉ जीपी सिंह, पीपीओ सुनील शर्मा, डॉ ज्योत्सना तिर्की आदि उपस्थित थे.

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