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सरायकेला: चार वर्षों से बंंद है मच्छरदानी का वितरण सरायकेला : मलेरिया नियंत्रण में सहायक मच्छरदानी का वितरण जिला में विगत चार वर्षों से आवंटन के अभाव में ठप्प पड़ा है. इस संबंध में जिला मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मीना ने से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मलेरिया नियंत्रण के लिए वर्ष 2011 में […]

सरायकेला: चार वर्षों से बंंद है मच्छरदानी का वितरण

सरायकेला : मलेरिया नियंत्रण में सहायक मच्छरदानी का वितरण जिला में विगत चार वर्षों से आवंटन के अभाव में ठप्प पड़ा है. इस संबंध में जिला मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मीना ने से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मलेरिया नियंत्रण के लिए वर्ष 2011 में अंतिम बार 60000 मच्छरदानी का आवंटन दिया गया था. इसके बाद से मच्छरदानी नहीं दी गयी है. वर्ष 2014 में विभाग द्वारा एक लाख मच्छरदानी के आवंटन के लिये प्रस्ताव भेजा गया था.
परंतु विभाग द्वारा सप्पलाई नहीं दी गयी. वर्ष 2015 में पांच लाख आवंटन का प्रस्ताव दिया गया था परंतु उसमें भी आवंटन नहीं दिया गया. विगत चार वर्षों से मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम ठप्प है.
जिला के तीन प्रखंड डेंजर जोन में: सरायकेला खरसावां के तीन प्रखंड मलेरिया के डेंजर जोन के रूप चिह्नित हैं. इस संबंध में डॉ मीना ने बताया कि खरसावां, कुचाई व चांडिल मलेरिया के डेंजर जोन में है जबकि राजनगर व गम्हरिया सबसे सेफ जोन में है. खरसावां, कुचाई व चांडिल के लिए मलेरिया नियंत्रण के लिए विषेश कार्यक्रम चलाये जाते रहे हैं.
जिला व प्रखंड स्तर पर रैपीड एक्शन टीम है गठित: डॉ मीना ने बताया कि मलेरिया नियंत्रण के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर रैपीड एक्शन टीम का गठन किया गया है. अगर किसी भी गांव में मलेरिया के तीन- चार मरीज मिलते हैं तो तुरंत टीम वहां पहुंच कर इलाज कार्य करते हुए मलेरिया नियंत्रण पर कार्य करेगी.

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