सरायकेला : आम लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2012 में स्थानीय सदर अस्पताल परिसर में खोली गयी जन औषधि केंद्र महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना फ्लॉप साबित हो गयी है. वर्तमान में माह भर में एकाध कस्टमर अगर केंद्र में आ जाएं, तो काफी है.
सदर अस्पताल का यह जेनेरिक केंद्र का प्रचार प्रसार नहीं होना, केंद्र का सही देखरेख के अभाव व प्र्याप्त मात्र में दवा की अनुउब्धता के कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. गौरतबल है की वर्ष 2012 में सरकारी निर्देश पर आनन-फानन में जेनेरिक दवा केंद्र खोला गया था. इस केंद्र का उदेश्य था कि लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध करायी जाये, परंतु सरकार की यह योजना फ्लॉफ साबित हुई है.
केंद्र में दो कर्मियों को किया जाना था तैनात : जन औषधि केंद्र के संचालन हेतु दो कर्मी तैनात किया जाना था, जिसमें एक फार्मासिस्ट व एक कं प्यूटर ऑपरेटर है. केंद्र में होने वाली आय से उक्त कर्मियों को मानदेय देने का प्रावधान था, परंतु केंद्र की स्थति के कारण अब तक कोई कर्मी नियुक्त नहीं किया जा सका है. वर्तमान में सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट से ही काम चलाया जाता है. केंद्र में धुल धुसरित रखे दवाइयों के पैकेट व कुर्सी टेबल से इसके बिक्री का पता खुद लगाया जा सकता है.