26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Gandhi Jayanti 2022 : झारखंड के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के प्रशंसक थे महात्मा गांधी, 1937 में देखा था छऊ

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें झारखंड के सरायकेला के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के साथ जुड़ी हुई हैं. देश की आजादी के पहले गांधी जी ने सरायकेला के छऊ नृत्य को देखा था और जमकर प्रशंसा की थी. 1925 में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये गांधी जी चाईबासा आये थे. यहां गौशाला में कुछ वक्त गुजारा था.

Gandhi Jayanti 2022: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें झारखंड के सरायकेला के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के साथ जुड़ी हुई हैं. देश की आजादी के पहले गांधी जी ने सरायकेला के छऊ नृत्य को देखा था और जमकर इस नृत्य की प्रशंसा की थी. इसका जिक्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुस्तक इटालियन इंडिया व देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुस्तक में भी किया गया है. 1937 में गांधी जी ने छऊ नृत्य देखा था.

कोलकाता में देखा था छऊ नृत्य

1937 का एक वाकया है, जब देश में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ चलाये जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये गांधी जी कोलकाता पहुंचे थे. गांधी जी कोलकाता में शरत चंद्र बोस के आवास में ठहरे हुए थे. इसी दौरान कोलकाता में शरत चंद्र बोस के घर पर छऊ नृत्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था. सरायकेला राजघराने की अगुवायी में रोयल डांस ग्रुप के कलाकारों ने अपनी टीम के साथ गांधी जी के सामने नृत्य प्रस्तुत किया था.

Also Read: Betla National Park: पर्यटकों से हुआ गुलजार, दुर्गा पूजा में कमरे की होने लगी बुकिंग, ये है एंट्री फीस

मानों मैं वृंदावन में हूं

राधा-कृष्ण के नृत्य को देखकर गांधी जी भाव-विभोर हो गये थे. उन्होंने नृत्य देखने के बाद कहा था कि नृत्य देखते वक्त ऐसी अनुभूति हो रही थी कि मानों मैं वृंदावन में हूं और मेरे सामने राधा-कृष्ण नृत्य कर रहे हों. नृत्य देखने के बाद गांधी जी ने राजघराने के राजघराने के कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव, राजकुमार सुधेंद्र नारायण सिंहदेव, नाटशेखर बन बिहारी के नृत्य की जमकर प्रशंसा की थी. इस टीम में शहनाई वादक के रूप में मुस्लिम समुदाय के छोटे मियां बड़े मियां व ढोलक वादक के रूप में दलित समुदाय के मधु मुखी शामिल थे.

Also Read: Jharkhand Naxal News: झारखंड के चतरा में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, हथियार व सामान बरामद, एसपी ने की ये अपील

1925 में चाईबासा आये थे गांधी जी

गांधी जी ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे. 1925 में देश में चलाये जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये गांधी जी चाईबासा आये थे. चाईबासा में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद गांधी जी चाईबासा की गौशाला में पहुंच कर कुछ वक्त गुजारा था. गौशाला में तत्कालीन अध्यक्ष बारसी दास पसारी के सेवा भाव को देखकर गांधी जी ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि तुम बहुत नेक कार्य कर रहे हो. तब महात्मा गांधी ने गौशाला की गायों को नजदीक से पुचकारा था. इस दौरान गांधी जी ने गौशाला की डायरी में अपना शुभ संदेश भी लिखा था और अपने हस्ताक्षर किये थे. तब गांधी जी ने गौशाला की बेहतरीन व्यवस्था देखकर खूब तारीफ की थी. इस दौरान गांधी जी ने खजूर के पत्ते से बनी चटाई पर बैठ कर गौशाला की गाय का दूध पीया था. इस दौरान उन्हें मिट्टी की हांडी पर बनायी गयी चाय पिलायी गयी थी.

रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें