उधवा : आजादी के सात दशक पूरे होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का दंश झेल रहे हैं. आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां तक पहुंचने के लिये पक्की सड़कें नहीं है. गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचता है. केंद्र व राज्य सरकार गांव के विकास के लिये प्रतिवर्ष करोड़ों की बजट तैयार करती है. लेकिन सच तो यह है
कि आज भी कई गांव तक विकास की किरण नहीं पहुंच पा रही है. 2011 की जनगणना के अनुसार पंचायत की आबादी 4945 है. जिसमें आठ गांव फकरूद्दीन टोला, अब्दुल हक टोला, अलीमुद्दीन टोला, ममरूद्दीन टोला, भीखु टोला, सिफायतहाजी टोला, आनेश टोला एवं हाजी दरवेश टोला है. पंचायत अंतर्गत आनेश टोला के ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में एक उपस्वास्थ्य केंद्र है. जो कभी खुलता ही नहीं है. छोटी-मोटी बीमारी होने पर भी लोगों को इलाज कराने पश्चिम बंगाल जाना पड़ता है. एक ही विद्यालय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पियारपुर व पांच आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. सुदूर दियारा क्षेत्र की पंचायतों की यही दशा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
पंचायत में पेयजल की समस्या काफी गंभीर है. पंचायत के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर है. जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. इस ओर जनप्रतिनिधि व प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. – फिरोज शेख
दियारा क्षेत्र के सड़कों का हाल काफी खराब है. प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिये पक्की सड़कें नहीं है. हल्की-फुल्की भी बारिश होने पर आवागमन बाधित हो जाता है.
– टिंकु शेख
पंचायत में एक उपस्वास्थ्य केंद्र है. परंतु इसमें कोई व्यवस्था नहीं है. जिस कारण केंद्र बंद रहता है. यदि स्वास्थ्य केंद्र का संचालन सही ढंग से किया जाये तो लोगों को काफी सुविधा होगी.
– इस्माइल शेख
ग्रामीण क्षेत्रों शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है. विद्यालय तो है लेकिन विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति बहुत ही खराब है. इस ओर शिक्षा विभाग को ध्यान देना चाहिए.
– मन्नान शेख
शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
बीडीओ अविनाश पुर्णेंदू ने कहा कि उत्तरी पियारपुर पंचायत के विकास को लेकर सरकार गंभीर है. प्लान तैयार कर विकास किया जायेगा.