साहिबगंज : बेटियों की साहस व क्षमता पर बनी आमिर खान की फिल्म दंगल की सफलता की चर्चा जोरों पर है. इस फिल्म में रेफरी की भूमिका निभानेवाली नमिता विश्वकर्मा साहिबगंज की बेटी है. पर साहिबगंज में एक भी सिनेमा हॉल नहीं होने के कारण उनके पिता अरुण विश्वकर्मा अब तक बड़े परदे पर फिल्म नहीं देखी है.
नमिता की रियल लाइफ की कहानी भी फिल्म की स्टोरी से अलग नहीं है. साहिबगंज जैसे सुदूर जिले में जन्मी और पली-बढ़ी नमिता का लगाव शुरू से ही खेलों के प्रति रहा है. साहिबगंज महिला कुश्ती टीम के सदस्य के रूप में अनेकों बार जीत हासिल करने के बाद वह झारखंड टीम से जुड़ी. बाद में झारखंड महिला कुश्ती टीम की कोच बनी. इसके बाद भारतीय महिला कुश्ती टीम की कोच है. तीन बार राष्ट्रीय टीम को लेकर विदेश (ब्राजील, थाइलैंड व मंगोलिया) दौरे पर जा चुकी है. फिल्म दंगल में अपने रोल को देखकर नमिता बहुत खुश है. बता दें कि दंगल फिल्म में नमिता रेफरी की भूमिका में नजर आती है. हालांकि फिल्म में नमिता का रोल बहुत थोड़े देर के लिए ही है. लेकिन दंगल की पूरी टीम के साथ काम करना इनको अच्छा लगा. नमिता महिला कुश्ती टीम की कोच होने के साथ-साथ डाक विभाग, रांची में भी कार्यरत है.