राशन के अनाज की तस्करी कर बांग्लादेश भेजने का मामला
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एसएफसी साहिबगंज में दो साल तक नाइट गार्ड बना रहा एजीएम
राशन के अनाज की तस्करी कर बांग्लादेश भेजने का मामला बरहरवा : एसएफसी साहिबगंज से राशन का अनाज तस्करी कर बांग्लादेश भेजने मामले का खुलासा के बाद से परत-दर-परत कई मामले सामने आ रहे हैं. एफसीआइ साहिबगंज में वर्षों से गड़बड़ी हो रही थी. यहां ढाई साल तक एक नाइट गार्ड एजीएम के प्रभार में […]
बरहरवा : एसएफसी साहिबगंज से राशन का अनाज तस्करी कर बांग्लादेश भेजने मामले का खुलासा के बाद से परत-दर-परत कई मामले सामने आ रहे हैं. एफसीआइ साहिबगंज में वर्षों से गड़बड़ी हो रही थी. यहां ढाई साल तक एक नाइट गार्ड एजीएम के प्रभार में रहा. फिलहाल प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एजीएम के प्रभार में हैं,
इन्होंने भी नाइट गार्ड बतौर एजीएम भुवाली यादव से ही 5 दिसंबर 2015 को प्रभार लिया है. नाइट गार्ड भुवाली यादव 8 अप्रैल 2013 से 4 दिसंबर 2015 तक बतौर एजीएम था.
एजीएम रखते थे निजी सहायक
एक बात और यहां सामने आयी है कि दोनों एजीएम अपना एक निजी सहायक रखते थे. जो गोदाम का पूरा काम देखता था. वह निजी सहायक चंदन कुमार बताया जा रहा है, जो राजमहल का रहने वाला है. वर्तमान एजीएम हसीबुल रहमान ने भी स्वीकारा है कि चंदन कुमार गोदाम के कामकाज को पहले से करते आ रहे हैं काफी अनुभव था इसलिए उसे रखा गया है. चंदन को बतौर पारिश्रमिक के रूप में अपने जेब से 200 रुपया रोज देते हैं.
बता दें कि जिस दिन मंत्री सरयू राय कालाबाजारी मामले की जांच करने आये थे उस दिन भी चंदन ही गोदाम की जानकारी मंत्री को दे रहे थे व संचिका दिखा रहे थे. लेकिन इन दोनों मामलों ने एफसीआइ गोदाम की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. हालांकि जिस जीएम ने ढाई साल तक नाइट गार्ड को एजीएम का प्रभार देकर रखा था उन्हें मंत्री के आदेश के बाद निलंबित कर दिया गया है. अभी कई बड़े खुलासे होने बाकी हैं.
पुलिस की जांच हुई तेज : एफसीआइ मामले में पुलिस ने भी जांच तेज कर दिया है. बुधवार को एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम वहां पहुंच कर पंजियों की जांच पड़ताल की है. अभी इनकी ओर से भी कई खुलासे करने शेष हैं.
एसएफसी साहिबगंज…
रांची से आयेगी टीम : मंत्री सरयू राय के निर्देश पर अपर निर्देशक संजय कुमार के नेतृत्व में पदाधिकारियों की टीम इस सप्ताह जांच करने साहिबगंज पहुंचेगी. जहां पर बरहरवा एसएफसी गोदाम व साहेबगंज एफसीआइ गोदाम की जांच करेगी. इसे लेकर विभागीय पदाधिकारियों व कुछ लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.
क्या कहते हैं भुवाली यादव
भुवाली यादव का कहना है कि ढाई साल तक वे इस गोदाम में एजीएम के चार्ज में रहे. उनकी पोस्टिंग 2005 में बतौर नाइट गार्ड के रूप में हुई थी. चंदन काम जानते थे इसलिए उन्हें 200 रुपया रोज के हिसाब से निजी सहायक के रूप में रखा गया था. जब बीसीओ हसीबुल रहमान ने उनसे प्रभार लिया तो उन्हें फिर से नाइट गार्ड के पद पर भेज दिया गया और आज तक वे इसी पद पर काम कर रहे हैं.
संपत्ति की हो जांच
स्थानीय विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि बरहरवा, उधवा, राजमहल, बरहेट, तालझारी प्रखंडों में कार्यरत एजीएम, एमओ व जनवितरण प्रणाली से जुड़े कुछ डीलरों की संपत्ति की जांच यदि सरकार द्वारा की जाती है तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. जन वितरण प्रणाली को कुछ लोगों की मिली भगत से लूट का अड्डा बन गया था अब मंत्री की नजर पड़ी है. इस पर गंभीरता से जांच करनी जरूरी है.
प्रशासन को खबर नहीं
बरहरबा एफसीआइ गोदाम में ढाई साल तक एक नाइट गार्ड एजीएम बनकर काम किया. साथ ही दोनों एजीएम अपना निजी सहायक रखते थे इसकी कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं है. जब एसडीओ चिंटु दुराइबुरु से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. यदि ऐसी बात है तो मामले की जांच बिल्कुल करायी जायेगी.
चंदन कुमार देखते हैं पूरा काम !
वर्तमान एजीएम हसीबुल रहमान ने नाइट गार्ड भुवाली यादव से लिया था एजीएम का प्रभार
भुवाली यादव अब उसी गोदाम में बतौर नाइट गार्ड काम कर रहे हैं
चंदन कुमार एजीएम के निजी सहायक के रूप में करते हैं काम
अनाज उठाव में भी होती है हेराफेरी
एसएफसी गोदाम बरहरवा से स्वयं सहायता समूह व डीलरों द्वारा अनाज का उठाव के समय एसएसजी के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष तीनों में से दो की उपस्थिति अनिवार्य है, किंतु एजीएम के मिली भगत से अनाज का उठाव समूह की महिलाएं आये बिना ही उनके पति द्वारा ही कर लिया जाता है.
कुछ समूह व डीलरों के आवंटन से कम अनाज दिया जाता है. श्रीकुंड, बरहरवा के कुछ लोगों द्वारा एसएफसी का अनाज बिंदुपाड़ा, रहमतपुर होते हुए पश्चिम बंगाल भी भेजा जाता है. यह कार्य पिछले कुछ महीनों से बंद है. पूर्व में अनाज के उठाव व आवंटन का सभी संचिकाओं को गंभीरता से जांच की जाय तो कई तथ्य सामने आ सकते हैं.
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