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खतरों से भरी खदानों में जिदंगी

पतना : इलाके में हर रोज करोड़ों के पत्थरों का धंधा खदानों व क्रशरों में होता है. इसमें यहां काम करने वाले मजदूरों, वाहन चालकों व उपचालकों की महती भागीदारी होती है. लेकिन खदान व क्रशर मालिकों द्वारा इन्हीं लोगों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया जाता है. इन पत्थर खदान व क्रशरों में […]

पतना : इलाके में हर रोज करोड़ों के पत्थरों का धंधा खदानों व क्रशरों में होता है. इसमें यहां काम करने वाले मजदूरों, वाहन चालकों व उपचालकों की महती भागीदारी होती है. लेकिन खदान व क्रशर मालिकों द्वारा इन्हीं लोगों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया जाता है. इन पत्थर खदान व क्रशरों में काम करने वाले लोगों का जीवन पूरी तरह से खतरों से भरा होता है.
गहरी खाई की तरह बीना घेरे हुए खदान की सड़कें, तेज ढलावदार सड़के, क्रशर मशीन के फीता और सुरक्षा घेरे का अभाव दुर्घटनाओं का कारण बनता है. कई हादसों की भनक तक किसी को नहीं लगती. अक्सरां उसे मैनेज कर लिया जाता है. पिछले पांच वर्षों में इस इलाके के खदानों व क्रशरों में कई महिला व पुरुष मजदूरों की मौत हो चुकी है. लेकिन क्रशर मालिक मृतक व घायल मजदूरों के परिजनों का नकद सहायता देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है. क्योंकि यहां कोई नियोजन रजिस्टर नहीं होता.
नियमों की होती है अनदेखी
साहिबगंज जिले में जितने भी खदान व क्रशर संचालित हो रहे हैं यहां नियमों को ताक पर रख कर काम किया जाता है. इस धंधे में दबंग तथा राजनीतिक समाजिक रूप से प्रभावशाली लोग पूरी तरह से पैठ जमा चुके हैं. खनन विभाग व पर्यावरण विभाग के नियमों की अनदेखी से आने वाले कुछ दशकों में पर्यावरण पर इसका खासा दुष्परिणाम नजर आ रहे हैं.
नहीं होता वृक्षारोपण
विभाग ने नियम तय किया है कि खदान मालिक जितना पत्थर नष्ट करेंगे उन्हें उसका दुगुना पौधारोपण करना है. लेकिन इस इलाके में खदान व क्रशर मालिक कभी पौधारोपण नहीं करते हैं. जिसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है.
कई खदान अवैध
इन क्षेत्रों में कई ऐसे खदान हैं जो अवैध रूप से चल रहे हैं. सरकारी नियमों को यदि ध्यान दिया जाय तो बगैर विस्फोटक लाइसेंस से पहाड़ों को उड़ाना, स्कूल, सड़क, अस्पताल तथा सार्वजनिक जगहों से सटे खदान व क्रशर प्लांट चलाना, बाल मजदूरों से काम लेना, मजदूरों का शारीरिक शोषण रोकने सहित मजदूरों को सुरक्षा की सारी व्यवस्था जैसे हेलमेट, जूता, चश्मा, ग्लोब्स, मास्क सहित अन्य सामग्री मुहैया करवाया जाना अतिआवश्यक है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता.
खदानों का माइनिंग प्लान लिह
सरकार के नियमावली के अनुसार प्रत्येक पत्थर खदान को बिना माइनिंग प्लान बनाये खनन नहीं करना है.लेकिन पतना प्रखंड क्षेत्र में अधिकतर ऐसे पत्थर खदान हैं जिनके पास माइनिंग प्लान नहीं है. वे बिना माइनिंग प्लान के ही धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं. क्षेत्र में कई ऐसे पत्थर खदान हैं जिनका लीज अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी खनन कर रहे हैं. इस पर खनन विभाग व स्थानीय थाना पुलिस चुप्पी साधे है.
क्या कहते हैं खनन पदाधिकारी
डीएमओ फेंकुराम ने बताया कि जिन खदानों का माइनिंग प्लान नहीं है. उन्हें किसी भी हाल में खनन करने नहीं दिया जायेगा. नियमों को ताख पर रख खनन करने वाले खदानों का लीज रद्द किया जायेगा.
ट्रैक्टर चालक मौत मामले की प्राथमिकी दर्ज
रांगा थाना क्षेत्र के मोदीकोला मीना बाजार स्थित एक पत्थर खदान में ट्रैक्टर पलट जाने से चालक की मौत मामले में पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु राजमहल भेज दिया.घटना के बाद से ग्रामीणों व परिजनों में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है. विदित हो कि , डस्ट लोड एक ट्रैक्टर मोदीकोला स्थित मोहम्मद सिराज की पत्थर खदान से डस्ट लोड कर नीचे की ओर आ रहा था.
इसी दौरान ट्रैक्टर मो असराफुल के खदान में पलटी मार कर गीर गया. जिससे चालक मो0 कमरुल उम्र 30 वर्ष की मौत घटना स्थल पर ही हो गई. रांगा थाना पुलिस ने भादवि की धारा 279, 304 ए के तहत कांड संख्या 99/15 दर्ज किया गया है. इसमें कई अज्ञात को आरोपित बनाया गया है.

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