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फूड प्वाइजनिंग से एक ही परिवार के 3 लोग बेहोश, ग्रामीणों ने पहुंचाया अस्पताल

जामनगर गांव में मंगलवार (16 जून, 2020) की प्रातः सुबह का नाश्ता करने के बाद एक ही परिवार के 3 लोग फूड प्वाइजनिंग हो जाने के कारण करीब 6 घंटे तक बेहोश हो गये. परिवार के एक सदस्य को होश आने के बाद 108 एंबुलेंस बुलाकर तीनों को अस्पताल भेजा.

साहिबगंज/राजमहल : जामनगर गांव में मंगलवार (16 जून, 2020) की प्रातः सुबह का नाश्ता करने के बाद एक ही परिवार के 3 लोग फूड प्वाइजनिंग हो जाने के कारण करीब 6 घंटे तक बेहोश हो गये. परिवार के एक सदस्य को होश आने के बाद 108 एंबुलेंस बुलाकर तीनों को अस्पताल भेजा.

मिली जानकारी के अनुसार, जामनगर गांव के फेकन मंडल (45 वर्ष), उनकी पत्नी जयंती देवी (40 वर्ष) और पुत्री छोटी कुमारी (18 वर्ष) मंगलवार (16 जून, 2020) की सुबह 8 बजे सुबह का नाश्ता करने के बाद घर में थी. इसी क्रम में तीनों बेहोश हो गये. दोपहर तकरीबन 2 बजे फेकन की पत्नी जयंती देवी को होश आया, तो उनके पति और पुत्री दोनों बेहोश पड़ी थी. आसपास के ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. ग्रामीणों ने स्थिति को देख 108 एंबुलेंस बुलाकर तीनों को अस्पताल भेज दिया.

मौके पर ग्रामीणों ने बताया की 108 एंबुलेंस में एक भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं थे. जिसके कारण काफी परेशानी हुई. मरीजों को परिजनों व ग्रामीणों द्वारा एंबुलेंस तक ले जाया गया. सभी का इलाज मटियाल स्थित अस्पताल में कराया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि सुबह का नाश्ता खाने के दौरान फूड प्वाइजनिंग हो जाने के कारण समस्या हुई. तीनों की स्थिति में सुधार है.

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आपातकाल में व्यवस्था की मारामारी

कोरोना संकटकाल में राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड19 अस्पताल बनाये जाने के कारण सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन द्वारा मटियाल के एक भवन में अनुमंडलीय अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. जहां एक ओर आपातकाल परिस्थिति में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है, वहीं दूसरी ओर आपात परिस्थिति में भी यदि कोई मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं, तो स्वास्थ्य कर्मियों या फिर व्यवस्थाओं की कमी की मार झेलनी पड़ती है.

मंगलवार (16 जून, 2020) को जामनगर गांव के एक ही परिवार के 3 लोग फूड पॉइजनिंग के कारण घर में बेहोश हो गए थे. जिसे 108 एंबुलेंस द्वारा अस्पताल तक लाया गया. लेकिन, यहां व्यवस्था ऐसी थी कि एंबुलेंस से अस्पताल तक ले जाने के लिए भी कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं थे.

हालांकि, मरीज के साथ 2 ग्रामीण अस्पताल पहुंचे थे. जिन्होंने मरीजों को अस्पताल के अंदर ले गया. इसके अलावा चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पहुंचने में करीब आधे घंटे लग गये. यहां सवाल है कि यदि कोई आपात स्थिति में इलाज के लिए पहुंचता है और व्यवस्थाओं की कमी के कारण कोई दुर्घटना हो जाती है, तो इसके जिम्मेवार कौन लोग होंगे.

अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार ने बताया की कोविड-19 अस्पताल और मटियाल स्थित अस्पताल दोनों संचालित है. दोनों जगहों पर अलग-अलग स्वास्थ्य कर्मी एवं चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण समस्याएं हो रही है. लेकिन, सभी स्वास्थ्य कर्मी को हिदायत दी गयी है कि यदि कोई मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, तो तुरंत इलाज की व्यवस्था की जाये.

Posted By : Samir ranjan.

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