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हटिया डैम के लिए अधिग्रहित जमीन भी बेच दी भू-माफियाओं ने

आयकर विभाग ने राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर शीतल प्रसाद से टैक्स वसूली के लिए जिस जमीन की नीलामी की, वह हटिया डैम के लिए अधिग्रहित जमीन निकली. नीलामी में 1.49 करोड़ रुपये की सबसे अधिक बोली लगा कृष्ण भगवान से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने जमीन खरीद ली.

शकील अख्तर (रांची) :

आयकर विभाग ने राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर शीतल प्रसाद से टैक्स वसूली के लिए जिस जमीन की नीलामी की, वह हटिया डैम के लिए अधिग्रहित जमीन निकली. नीलामी में 1.49 करोड़ रुपये की सबसे अधिक बोली लगा कृष्ण भगवान से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने जमीन खरीद ली. अंचल कार्यालय ने इस्कॉन के म्यूटेशन आवेदन को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि संबंधित जमीन 1960 में हटिया डैम के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है. म्यूटेशन आवेदन रद्द होने के बाद भू-माफिया और अफसरों की साजिश से हटिया डैम की जमीन की खरीद बिक्री का पर्दाफाश हुआ है. रामगढ़ जिले के व्यापारी शीतल प्रसाद पर आयकर का 1.12 करोड़ रुपये बकाया था. आयकर विभाग ने वर्ष 2013-14 के मूल्यांकन के बाद उस पर 1.12 करोड़ रुपये का टैक्स लगाया था. राशि की वसूली के लिए लगातार डिमांड नोटिस भेजे जाने के बावजूद शीतल प्रसाद ने टैक्स नहीं चुकाया. इसके बाद आयकर विभाग ने टैक्स वसूली के लिए उसकी संपत्ति का पता लगाया. जांच में पाया गया कि सिठियो मौजा में शीतल प्रसाद की 49 डिसमिल जमीन है. जमीन का पता लगाने के बाद आयकर विभाग ने राजस्व अधिकारियों से इस जमीन के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी. आयकर विभाग के अनुरोध पर नामकुम अंचल कार्यालय की ओर से शीतल प्रसाद की जमीन से संबंधित ब्योरा भेजा गया. अंचल कार्यालय की ओर से आयकर विभाग को सूचित किया गया कि मौजा सिठिओ, खाता नंबर 124 के प्लॉट नंबर 78 की 49 डिसमिल जमीन शीतल प्रसाद के नाम निबंधित है. जमीन का म्यूटेशन शीतल प्रसाद के नाम पर है. शीतल प्रसाद ने जमीन खरीदने के बाद इसे किसी और को नहीं बेचा है. जमीन पर किसी तरह का विवाद नहीं है. निबंधन कार्यालय ने आयकर विभाग को शीतल प्रसाद के नाम का रजिस्टर्ड डीड भेजा. डीड में इस बात का उल्लेख है कि इरबा निवासी जैबुन निशा (पति,स्व – जलालुद्दीन अंसारी) ने जमीन बेचने के लिए कोकर चूना भट्ठा निवासी शशिभूषण कुमार (पिता राजा सिंह) को पावर ऑफ अटॉर्नी दिया था. शशिभूषण सिंह के माध्यम से शीतल प्रसाद (पिता-लट्टू साव) ने 1.30 करोड़ रुपये नकद भुगतान कर यह जमीन 26 फरवरी 2013 में खरीदी थी. राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने के बाद आयकर विभाग के अनुरोध पर अंचल कार्यालय ने जमीन की मापी करवायी और सीमांकन के बाद इसका विस्तृत ब्योरा आयकर विभाग को भेजा. इसके बाद आयकर विभाग ने एक मार्च 2019 को टैक्स वसूली के लिए इस जमीन को जब्त करने का आदेश जारी किया. संपत्ति जब्त करने के बावजूद शीतल प्रसाद द्वारा टैक्स की रकम नहीं चुकाने की वजह से आयकर विभाग ने जमीन को नीलाम करने का फैसला किया. इस फैसले के आलोक में आयकर विभाग ने जमीन की नीलामी के लिए टेंडर प्रकाशित किया. टेंडर में निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद कृष्ण भगवान से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने नीलामी में हिस्सा लिया. तीन जुलाई 2023 को हुई नीलामी ने इस्कॉन से सबसे ज्यादा 1.49 करोड़ रुपये की बोली लगायी. नीलामी में इस्कॉन को जमीन देने के फैसले के बाद उसने पूरी रकम आयकर विभाग में जमा की. आयकर विभाग ने इस रकम से बकाया टैक्स की वसूली करने के बाद आवश्यक दस्तावेज इस्कॉन को दिये. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस्कॉन ने जमीन के म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया. लेकिन अंचल कार्यालय ने इस म्यूटेशन आवेदन को रद्द कर दिया. आवेदन रद्द करने के लिए अंचल कार्यालय की ओर से यह कहा गया कि म्युटेशन आवेदन की जांच के दौरान जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी थी. भू-अर्जन कार्यालय ने जांच पड़ताल के लिए भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वाद संख्या 46/1956-60 के सहारे सिठियो मौजा के खाता नंबर 124,प्लॉट नंबर 78 की 49 डिसमिल जमीन वर्ष 1960 में हटिया डैम के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है.

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