विशेष संवाददाता (रांची). उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि रांची में पूर्वी भारत की पहली दिव्यांग यूनिवर्सिटी खुलेगी. इसमें दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी जरूरत के हिसाब से शिक्षा दी जायेगी. उनके लिए विशेष कोर्स तथा शैक्षणिक उपकरणों की भी व्यवस्था होगी. श्री सोरेन गुरुवार को योजना भवन, नेपाल हाउस में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे. मंत्री श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में नवोत्थान छात्रवृत्ति योजना लागू करने का प्रस्ताव है, जिसके तहत राज्य के मेधावी अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के पूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क (अधिकतम 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक) की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी. इसके अलावा इन छात्रों को आवास व भोजन की व्यवस्था के लिए प्रति वर्ष 48,000 रुपये की सहायता राशि दी जायेगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर
श्री सोरेन ने राज्य में शिक्षा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर (आधारभूत संरचना) को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि छात्रों को शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. बैठक में जमशेदपुर में बन रहे पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विवि के कार्य की प्रगति समीक्षा की गयी. बताया गया कि वहां इसी माह नये कुलपति की नियुक्ति होने की संभावना है. गिरिडीह, साहिबगंज, देवघर, खूंटी, गुमला तथा जमशेदपुर में नये विवि खोलने की योजना के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गयी.नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव
बैठक में गिरिडीह, साहिबगंज, जमशेदपुर, रांची एवं गुमला में नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा गया. देवघर, बरही (हजारीबाग), पतरातू (रामगढ़), बुंडू (रांची), जमशेदपुर तथा राजनगर (सरायकेला – खरसावां) में नये पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने पर विचार किया गया. राज्य में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत पीएचडी के विद्यार्थियों को प्रतिमाह 25,000 रुपए तक फेलोशिप दी जायेगी. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने बताया कि इस योजना के तहत विदेश में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों को पूरा ट्यूशन फीस एवं अन्य खर्चों का पूरा भुगतान करने का प्रावधान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है