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नौ वर्ष में पूरी हुई 17572 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया, 3200 सीट रह गये रिक्त

राज्य के हाइस्कूल में नौ वर्ष पूर्व (वर्ष 2016) शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गयी है. हालांकि अभी भी 3200 सीट रिक्त रहे गये. इनमें अधिकतर सीट आरक्षित वर्ग के हैं.

सुनील कुमार झा (रांची) : राज्य के हाइस्कूल में नौ वर्ष पूर्व (वर्ष 2016) शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गयी है. हालांकि अभी भी 3200 सीट रिक्त रहे गये. इनमें अधिकतर सीट आरक्षित वर्ग के हैं. वर्ष 2016 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब राज्य के हाइस्कूल में नयी नियुक्ति शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड के हाइस्कूलों में शिक्षकों के 25,169 पद सृजित हैं. इनमें से लगभग 15 हजार शिक्षक कार्यरत हैं. यानी 10 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं. सबसे अधिक पद विज्ञान के विषयों जैसे गणित, भौतिकी, रसायन के शिक्षकों के रिक्त हैं. वहीं, पिछले 10 साल में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पायी है.

वर्ष 2017 में हुई परीक्षा, 2024 तक चली नियुक्ति :

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वर्ष 2016 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 में परीक्षा ली गयी. रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हु़ई, नियुक्ति प्रक्रिया 2024 तक चली. 2018 में रिजल्ट जारी होने के बाद वर्ष 2019 में पहले चरण में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया. इसके बाद न्यायिक प्रकिया के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रुक गयी. वर्ष 2019 के बाद वर्ष 2022 तक नियुक्ति पत्र का वितरण नहीं हो सका. वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियुक्ति प्रकिया शुरू हुई. इसके बाद पिछले वर्ष दो चरणों में शिक्षकों की नियुक्ति पत्र दिया गया. परीक्षा में शामिल होने के लिए लगभग दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किया था.

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा नियुक्ति का मामला :

हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. नियुक्ति प्रक्रिया में अपनायी गयी नियोजन नीति को पहले हाइकोर्ट ने रद्द कर दी. हाइकाेर्ट ने नियुक्ति को भी असंवैधानिक करार दिया. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व से नियुक्त शिक्षकों की सेवा बनाये रखने के साथ राज्य स्तर पर मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गयी. उल्लेखनीय है कि नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2016 की नियोजन नीति के आधार पर शुरू की गयी थी. इसमें जिलों को अधिसूचित व गैर अधिसूचित में बांटा गया था. मेरिट लिस्ट जिलास्तर पर तैयार की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया.

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