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रांची कॉलेज में आज से होगा नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन, कल से ट्रेनिंग, सीआइएसएफ जवान जरूरतमंदों को सीखा रहा सेना व पुलिस बहाली का गुर
अजय दयाल @ रांची ‘मुझे कुछ करना है’ यह ऐसी पंक्ति है, जो आपको इतिहास गढ़ने की प्रेरणा देती है. यहां उम्मीदें होती हैं. साथ ही समाज को कुछ देने का भाव भी होता है. समाज के लिए कुछ करना है, इसके लिए आपको बहुत कुछ होने की जरूरत नहीं है. न ही बहुत पैसे […]
अजय दयाल @ रांची
‘मुझे कुछ करना है’ यह ऐसी पंक्ति है, जो आपको इतिहास गढ़ने की प्रेरणा देती है. यहां उम्मीदें होती हैं. साथ ही समाज को कुछ देने का भाव भी होता है. समाज के लिए कुछ करना है, इसके लिए आपको बहुत कुछ होने की जरूरत नहीं है. न ही बहुत पैसे वाले या पद वाले हाेने की आवश्यकता है. आप जहां हैं, जिस ओहदे में हैं वहीं से आप समाज के लिए, राज्य के लिए और देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं. बुद्धिजीवियों का ऐसा कहना सही नहीं होता, तो सिमडेगा जैसे इलाके से रविशंकर साहनी जैसे लोग सामने नहीं आते. रविशंकर सीआइएसएफ में जवान हैं, लेकिन व्यस्तता के बीच वे स्थानीय युवक-युवतियों को सेना जाने के आवश्यक गुर का मुफ्त प्रशिक्षण दे रहे हैं.
छुट्टी में आने पर देते हैं ट्रेनिंग
रविशंकर अभी उत्तर प्रदेश में पदस्थापित है़ं जब भी छुट्टी में आते हैं और युवक-युवतियों को ट्रेनिंग देते है़ं वे कहते हैं कि सिमडेगा और आसपास के गांवों के युवाओं की शारीरिक बनावट सेना व पुलिस में जाने के लिए अच्छी है़ सिर्फ उन्हें तरासने की जरूरत है़ गरीब व पिछड़े होने के कारण गांव के युवक-युवती पैसा खर्च कर कहीं ट्रेनिंग नहीं ले सकते, इसलिए उन्होंने नि:शुल्क ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया़ साहनी वर्ष 2010 में सीआइएसएफ में बहाल हुए थे़ उनकी पोस्टिंग राजस्थान, जम्मू कश्मीर में भी रही है. वह देश में झारखंड का नाम रोशन करना चाहते हैं. पिता बृजनंदन साहनी छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं. रविशंकर तीन बहन और दो भाई में सबसे बड़े हैं. उनके इस काम में भाई-बहन भी मदद करते हैं.
‘मुझे कुछ करना है’ को बनाया बैनर
सीआइएसएफ जवान रविशंकर साहनी सिमडेगा के गांधीनगर जैसे पिछड़े क्षेत्र से हैं. गरीबी से निकला यह युवा अब गरीबी दूर करने में लगा है. साहनी अपना काम मुझे कुछ कहना है बैनर के तले करते हैं. यह नाम उनका खुद का दिया हुआ है, जिसे वे ध्येय वाक्य मानते हैं. उन्होंने गरीब व पिछड़े युवक युवतियों को सेना, पुलिस बहाली की नि:शुल्क ट्रेनिंग देने का संकल्प लिया है़ बच्चों को फिजिकल, रिटेन क्लासेस तथा मेडिकल संबंधी ट्रेनिंग देते हैं. उनका जज्बा देख सिमडेगा के लोगाें ने भी उनके काम की सराहना शुरू कर दी है़
कल से रांची कॉलेज ग्राउंड में देंगे ट्रेनिंग
रविशंकर साहनी चार जून से ट्रेनिंग देंगे. तीन जून से रांची कॉलेज के प्रांगण में नि:शुल्क ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसमें युवक-युवती दोनों भाग ले सकते है़ं रिटेन व मेडिकल संबंधी ट्रेनिंग के लिए उनका सहयोग पीजी के छात्र व शोध करने वाले युवक- युवती कर रहे है़ं रविशंकर ने बताया कि एसएससी कांस्टेबल में 50 हजार, झारखंड पुलिस के 13 हजार व सितंबर-अक्तूबर में आर्मी की बहाली होने वाली हैै़ इन परीक्षाओं को देखते हुए ट्रेनिंग दे रहे है़ं अभी सिमडेगा सहित जलडेगा, लचरागढ़ व कोलेबीरा में 450 युवक-युवतियां ट्रेनिंग ले रहे है़ं रांची में उनकी मदद उर्मिला सोरेंग, जूली किरण तिर्की, सचिव पीजी छात्र संघ मनोज कच्छप, उपाध्यक्ष दिनेश कुमार मुर्मू और शोधार्थी चंद्र किशोर कर रहे है़ं.
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