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सेलेक्शन ट्रायल: रांची क्लब स्थित स्विमिंग पूल में दिखी तैराकों की रफ्तार, गांव की प्रतिभा ने शहर को छोड़ा पीछे

रांची : कहीं जीत के लिए मन में आत्मविश्वास, तो कहीं जीत या हार की व्याकुलता. यह भाव हर बच्चे के चेहरे पर साफ दिख रहा था. मौका था रांची जिला तैराकी टीम के सेलेक्शन ट्रायल का. रांची क्लब के स्विमिंग पूल में शुक्रवार को शहर और गांव के तैराकों को मौका मिला. इसमें ग्रामीण […]

रांची : कहीं जीत के लिए मन में आत्मविश्वास, तो कहीं जीत या हार की व्याकुलता. यह भाव हर बच्चे के चेहरे पर साफ दिख रहा था. मौका था रांची जिला तैराकी टीम के सेलेक्शन ट्रायल का. रांची क्लब के स्विमिंग पूल में शुक्रवार को शहर और गांव के तैराकों को मौका मिला. इसमें ग्रामीण क्षेत्र से आये तैराकों ने अपना पूरा दमखम दिखाया और सबको पीछे छाेड़ दिया. गौरतलब है कि ये सभी बच्चे गांव की नहर और नदी में तैराकी सीखते हैं. वहीं सिकिदरी से आयी लड़कियां भी किसी से कम नहीं थी. उनकी प्रतिभा के सामने कोई टिक नहीं पाया. इस ट्रायल का आयोजन झारखंड तैराकी संघ की ओर से किया गया. इसमें चयनित बच्चे धनबाद में 10 और 11 जून को आयोजित होनेवाली राज्य स्तरीय तैराकी चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे.

ट्रायल में शामिल हुए 50 से अधिक बच्चे
रांची जिला तैराकी टीम के सेलेक्शन ट्रायल में रांची जिले के 50 से अधिक बच्चों ने भाग लिया. झारखंड तैराकी संघ के महासचिव शैलेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि पूल की कमी के कारण इस ट्रायल का आयोजन रांची क्लब में कराया गया है. यहां से चयनित टीम धनबाद जायेगी. वहां जो बच्चे मेडल लायेंगे, उन्हें नेशनल स्विमिंग प्रतियोगिता में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा.
बच्चों की फुर्ती की हुई तारीफ
स्विमिंग पूल में तैराकी सीखने वाले और सिकिदिरी की नहर में रोज तैरने वाले बच्चों के बीच हुई प्रतियोगिता काफी रोचक रही. एक साथ सभी बच्चे पूल में कूदे. इसमें सिकिदिरी के सुरेश बेदिया की फुर्ती काबिले तारीफ थी. पहले ही राउंड में सभी को पीछे छोड़ते हुए काफी आगे बढ़ गया. सिकिदिरी के असित मुंडा, अमर गंझू और अमित पाहन ने भी स्विमिंग पूल में जम कर अपनी रफ्तार दिखायी. ट्रायल में शामिल हुई ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों ने कहा कि नहर और स्विमिंग पूल के पानी में बहुत अंतर होता है. यहां का पानी थोड़ा हार्ड होता है. इससे परेशानी होती है.
सिकिदिरी की लड़कियां पहले भी दिखा चुकी हैं टैलेंट
पिछले साल खेलगांव के स्विमिंग स्टेडियम में राज्यस्तरीय तैराकी प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. इसमें सिकिदिरी के तैराक भी शामिल हुए थे. इसमें चार लड़कियां रीता कुमारी, धीरन कुमारी, ज्योति व प्रियंका कुमारी शामिल हैं. प्रियंका कुमारी ने स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं धीरन कुमारी को सिल्वर व ब्रांज और ज्योति को रजत पदक मिला था.
कोच ने कहा
पिछले तीन साल से सिकिदिरी के बच्चों को प्रशिक्षण दे रहा हूं. नहर की वजह से यहां के बच्चों को हर दिन अभ्यास करने का मौका मिल जाता है. इससे यहां के बच्चे कमाल दिखा पाते हैं. साथ ही समय-समय पर वहां प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है. इसका फायदा इन्हें मिलता है.
जितेंद्र कुमार मुंडा, तैराकी कोच
खिलाड़ियोंनेकहा
सिकिदिरी नहर में तैरना सीखा है़ और हर दिन वहां अभ्यास के लिए जाता हूं. वहां पर ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. इसमें शामिल होने का मौका मिलता है. स्टेट चैंपियनशिप में भी एक बार भाग लेने का मौका मिल चुका है.
-मुकेश बेदिया
नहर में नहाते-नहाते ही तैराकी सीख लिया. इसके बाद प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका जब भी मिलता है, उसमें शामिल हो जाता हूं. नहर के कारण हमें फायदा मिलता है.
-असीत मुंडा
ब्लॉक लेवल तैराकी प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीत चुका हूं. हम बचपन से ही नहर में जाते हैं और नहाते-नहाते तैरना आ जाता है.
-अमर गंझू
सात साल से नहर में ही रोज तैरता हूं. इसलिए कहीं भी तैराकी करने में समस्या नहीं होती है. पूल देखकर थोड़ी परेशानी होती है. हालांकि रेगुलर अभ्यास काम आ जाता है.
-अमित पाहन
लगातार दो साल से तैराकी कर रही हूं. स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी हूं. पूल में थोड़ी परेशानी होती है. यदि स्विमिंग पूल की सुविधा मिले, तो हम भी किसी से कम नहीं हैं.
-प्रियंका कुमारी
तैराकी करना अच्छा लगता है, इसलिए बचपन से ही सिकिदिरी नहर में नहाते-नहाते तैरना भी सीख लिया. रांची जिला टीम तैयार हुई, तो मुझे भी मौका मिला. स्टेट चैंपियनशिप में भी हिस्सा ले चुकी हूं.
-रीता कुमारी
दो साल से तैराकी सीख रही हूं. पिछले साल खेलगांव में हुई स्टेट चैंपियनशिप में शामिल होने का मौका मिला. यहां मैंने एक सिल्वर और ब्रांज मेडल जीता है. यदि मौका मिला, तो नेशनल लेवल पर भी मेडल हासिल करूंगी.
-धीरन कुमारी
पहले तैराकी सिर्फ शौक के लिए करती थी. धीरे-धीरे प्रतियोगिता में भी भाग लेने का मौका मिला. स्टेट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हूं.
-ज्योति कुमारी

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