इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ज्योति पुष्पा नामक आवेदक को दरकिनार कर दिया गया, जबकि वह विकास कुमार मिश्रा से अधिक योग्य थी. महालेखाकार ने सीए नियुक्ति में हुई इस गड़बड़ी का उल्लेख करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बिवरेज कॉरपोरेशन में सीए की नियुक्ति के लिए 24 अगस्त 2015 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. इस पद के लिए कुल आठ लोगों ने आवेदन दिया. इनमें से पांच को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. विकास कुमार मिश्रा के सात साल के अनुभव को 11 साल बताया गया. इस आवेदक के पास नियुक्ति के लिए निर्धारित अनुभव नहीं था, इसलिए उसे इंटरव्यू में शामिल नहीं किया जाना चाहिए . बावजूद इसके उक्त आवेदक को इंटरव्यू में शामिल किया गया.
नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के अंकों की गणना के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत विकास कुमार मिश्रा को कुल 22 मिलने चाहिए थे. पर विभागीय अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी उसे 27 अंक देकर नियुक्ति के योग्य करार दिया. इस तरह सीए की नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान इस आवेदक के अनुचित लाभ पहुंचाया गया. नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की जांच में यह पाया गया कि ज्योति पुष्पा नामक आवेदक को दरकिनार कर दिया गया, जबकि यह आवेदक विकास कुमार मिश्रा के मुकाबले ज्यादा काबिल थी.