रांची: सरकार के निर्देश के बाद निगरानी ब्यूरो ने मेन रोड स्थित शास्त्री मार्केट की जांच शुरू कर दी है. जांचकर्ता और निगरानी ब्यूरो में पदस्थापित इंस्पेक्टर सुनीता नूतन ने गुरुवार को जांच में सहयोग के लिए कोतवाली इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिन्हा से मुलाकात की.
पर होली को लेकर मार्केट में भीड़- भाड़ को देखते हुए जांच पूरी नहीं हो सकी. शास्त्री मार्केट दुकान समिति के सदस्यों ने निगरानी इंस्पेक्टर को आश्वासन दिया है कि वे होली के बाद अपनी दुकान और जमीन से संबंधित पेपर प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद निगरानी की टीम वहां से लौट गयी.
निगरानी के अधिकारियों के अनुसार निगरानी मंत्रिमंडल को शिकायत मिली थी कि शास्त्री मार्केट का गलत तरीके से निर्माण हुआ है. जिस भूमि पर शास्त्री मार्केट बना है, वह जमीन कैसर- ए-हिंद की है. मार्केट के निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. इसमें कुछ सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता भी है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि, जब दुकान का आवंटन हुआ था, तब दुकान सिर्फ 47 लोगों के नाम पर आवंटित हुआ था. आज दुकान में 121 लोग हैं.
16 वर्ष बाद फाइल पर नजर
जानकारी के अनुसार शास्त्री मार्केट जिस भूमि पर बना है, उसकी जांच करने का आदेश सरकार ने वर्ष 1998 में दिया था. तब बिहार निगरानी ब्यूरो में यह मामला दर्ज हुआ था. वर्षो बीत जाने के बाद भी जांच शुरू नहीं हुई. निगरानी के किसी अधिकारी ने फाइल पर ध्यान तक नहीं दिया. फाइल बिहार निगरानी ब्यूरो के पास थी, अब वह फाइल झारखंड निगरानी ब्यूरो को मिल गयी है. इसके बाद यह जांच शुरू हुई है. जांचकर्ता को मौखिक निर्देश भी दिये गये हैं.
जांच के लिए तय बिंदु
मार्केट बनाने के लिए जमीन कैसे मिली, जमीन किस प्रकृति की है.
जिन्हें पूर्व में दुकान आवंटित हुई और वर्तमान में दुकान किनके पास है.
दुकान कितने वर्षो के लिए लीज पर दी गयी
प्रति दुकान कितना रेंट पहले से तय है, वर्तमान में कितना दिया जा रहा है.
पूर्व में आवंटित दुकान मालिकों के साथ वर्तमान मालिकों का संबंध.