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जमीन की मापी करने गये थे, बैरंग लौटे
नामकुम : थाना क्षेत्र के गुरुटोली में मंगलवार को जमीन की मापी करने गये सेना के लोगों को स्थानीय ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग लौटना पड़ा. जानकारी के अनुसार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे सेना के लोग गुरुटोली पहुंचे व जमीन की मापी करने लगे़ इसी दौरान लाठी-डंडा के साथ दर्जनों ग्रामीण वहां […]
नामकुम : थाना क्षेत्र के गुरुटोली में मंगलवार को जमीन की मापी करने गये सेना के लोगों को स्थानीय ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग लौटना पड़ा. जानकारी के अनुसार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे सेना के लोग गुरुटोली पहुंचे व जमीन की मापी करने लगे़
इसी दौरान लाठी-डंडा के साथ दर्जनों ग्रामीण वहां पहुंचे व जमीन की मापी का विरोध करते हुए उन्हें लौटा दिया. इसके बाद दुबारा करीब साढ़े 10 बजे हथियार से लैस जवान जमीन की मापी करने पहुंचे. ग्रामीणों ने उन्हें मना किया, तो वे उखड़ गये. परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी. मामले पर सेना के नामकुम ब्रिगेड अॉफिस में जाकर अधिकारियों से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा बात करने से मना कर दिया गया.
किसी को घर या सड़क नहीं बनाने देते हैं : ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे पूर्व पार्षद किरण सांगा ने बताया कि वर्ष 1942 में ब्रिटिश फौज ने अपनी सैन्य टुकड़ी को इन गांवों में तीन साल के लिए रखा था. इस दौरान ब्रिटिश फौज लोगों को क्रोप कंपनसेशन देती थी. 1945 में वे वापस चले गये. उसके बाद 1996 में सेना ने इसे अपनी जमीन बताते हुए कब्जा करना शुरू किया.
सेना के लोग यहां किसी को घर व सड़क नहीं बनाने देते हैं. मामले में ग्रामीणों ने सेना के खिलाफ 13 जनवरी 2008 को कोर्ट में वाद दायर किया था. वहीं एक अन्य मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने यहां स्टे लगाया हुआ है. फिर भी सेना द्वारा लोगों को प्रताड़ित किया जाता है.
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