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पार्षद और इंजीनियर हैं नाराज, लगा रहे आरोप मेयर ने दबा रखी हैं 65 योजनाओं की फाइल
रांची: रांची नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की 27 मार्च को हुई बैठक हंगामे के कारण रद्द करनी पड़ी. हंगामे की मुख्य वजह वे 65 महत्वपूर्ण योजानआें की फाइलें हैं, जो मेयर आशा लकड़ा के पास लंबित हैं. हंगामे की वजह से नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट को भी पार्षदों ने मंजूरी […]
रांची: रांची नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की 27 मार्च को हुई बैठक हंगामे के कारण रद्द करनी पड़ी. हंगामे की मुख्य वजह वे 65 महत्वपूर्ण योजानआें की फाइलें हैं, जो मेयर आशा लकड़ा के पास लंबित हैं. हंगामे की वजह से नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट को भी पार्षदों ने मंजूरी नहीं दी.
पार्षदों ने मेयर से एक स्वर में कहा कि बजट शहर के विकास के लिए ही बनता है. जब आप ही महीनों से फाइलों को दबा कर रखियेगा, तो काम कैसे होगा? जब तक आप इन फाइलों के निस्तारण के संबंध में कोई ठोस जवाब नहीं दे देती हैं, तब तक कोई बजट पास नहीं होगा. इस पर मेयर ने कहा : यह मेरा अधिकार है कि मैं कब फाइलों के निस्तारण करूंगी. इस पर पार्षद अड़ गये और बैठक को बिना किसी ठोस नतीजे के ही खत्म कर दिया गया.
ये फाइलें लंबित हैं मेयर के पास
मेयर आशा लकड़ा के पास जिन 65 योजनाओं की फाइलें पिछले चार माह से लंबित हैं, उसमें नागाबाबा खटाल में बनने वाले वेंडर मार्केट, बड़ा तालाब के पानी के शुद्धिकरण के लिए लगाये जाने वाले एरियेशन सिस्टम और कांके में बन रहे स्लॉटर हाउस के चिलिंग प्लांट के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है. इसके अलावा सड़कों और नालियों के निर्माण से जुड़ी 60 योजनाओं की फाइलें भी मेयर के पास लंबित हैं. इससे रांची नगर निगम के अभियंता भी नाराज हैं. नगर निगम के अभियंताओं की मानें, तो काम कराने के लिए उनके पास केवल दो महीने का ही समय बचा है. अगर अभी टेंडर खुलेगा, तो अप्रैल-मई तक इन योजनाओं का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. दो माह के बाद बारिश का मौसम आ जायेगा. बारिश के मौसम में सड़क-नाली का निर्माण कार्य कराना, यानी पैसे पानी में बहा देना है.
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