रांची : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने राज्य में अवैध बूचड़खाने बंद करने का एलान करने के बाद ज्यादातर भाजपा शासित राज्य भी इस तरह का कदम उठा रहे हैं. इसी क्रम में झारखंड की रघुवर दास सरकार ने भी अपने यहां अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया है. झारखंड सरकार की ओर से आज इस संबंध में आज एक विज्ञापन छपवाया गया है, जिसमें अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सख्त आदेश हैं, नहीं तो कठोर कार्रवाई की चेतावनी है.
सरकार की ओर से इसमें कहा गया है कि नगर निगम, नगर पालिका, अधिसूचित क्षेत्र समिति क्षेत्र में चल रहे सभी अवैध वधशाला-बूचड़खाना 48 घंटे के अंदर बंद कर दे. झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट 2011 की धारा 311 के तहत तय समय सीमा के बाद भी इसके जारी रहने की सूचना मिलने पर ऐसे बूचड़खाना-वधशाला या पशु बाड़े को बंद कर ऐसे परिसर का नगरपालिका की संपत्ति के रूप में निपटाव किया जायेगा.
विज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट 2011 की धारा 310 के तहत राज्य सरकार द्वारा चिह्नितस्थान पर ही बिक्री के लिए पशु का वध होगा. अगर चिह्नित स्थान के अतिरिक्त कहीं और पशुओं की बिक्री होती हो 2000 रुपये तक के दंड लगाया जायेगा.
झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट 2011 की धारा 312 के तहत अवैध रूप से संचालित बाजार या बूचड़खाने को पुन: आरंभ करने की दशा में संचालन करने वाले 2000 रुपये तक के जुर्माने के भागी होंगे. दंडित होने के बाद भी अपराध जारी रखने की दशा में प्रतिदिन 200 रुपये से अधिक दंड के भागी होंगे.
जारी विज्ञापन के माध्यम से सरकार ने कहा है कि सभी पुलिस थाने को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके क्षेत्र में कोई अवैध बूचड़खाना या वधशाला नहीं चले. सभी बूचड़खाना-वधशाला पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम, नगर निकाय द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करेंगे. इस पूरे कार्य की निगरानी के लिए अनुमंडल पदाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे.