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केरोसिन ठेला वेंडरों को मिलेगा राशन दुकानों का लाइसेंस
रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग ने केरोसिन ठेला वेंडरों को जनवितरण प्रणाली का दुकान देने का फैसला किया है. केरोसिन पर डीबीटी लागू होने के बाद इन वेंडरों की सेवा समाप्त की जा रही है. उस स्थिति में उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभाग ने नियमों में फेरबदल करते हुए जनवितरण प्रणाली का दुकान देने […]
रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग ने केरोसिन ठेला वेंडरों को जनवितरण प्रणाली का दुकान देने का फैसला किया है. केरोसिन पर डीबीटी लागू होने के बाद इन वेंडरों की सेवा समाप्त की जा रही है. उस स्थिति में उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभाग ने नियमों में फेरबदल करते हुए जनवितरण प्रणाली का दुकान देने का निर्णय लिया है.
राज्य में फिलहाल केरोसिन के 2750 वेंडर हैं. अप्रैल 2017 से राज्य में केरोसिन पर डीबीटी लागू कर दिया जायेगा. ऐसे में ठेला वेंडरों के पास कोई काम नहीं होगा. सभी वेंडरों को जनवितरण प्रणाली प्रणाली के अंतर्गत राशन दुकानों के संचालन के लिए लाइसेंस देने की कार्यवाही शुरू की गयी है.
अभी समूह या महिला को ही दिया जा सकता है लाइसेंस : वर्तमान में खाद्य आपूर्ति विभाग की राशन दुकानें किसी व्यक्ति को नहीं दी जा सकती है. राशन दुकानों का लाइसेंस केवल समूहों या महिलाओं को दिये जाने का प्रावधान है. खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राज्य की प्रत्येक एक हजार आबादी पर एक दुकान खोलने का प्रावधान है. इस स्थिति में समूचे राज्य में राशन की 32000 दुकानें होनी चाहिए. जबकि, झारखंड में फिलहाल लगभग 23,500 राशन की दुकानें हैं. यानी करीब 8,500 राशन दुकानों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में खोला जाना है. इस वजह से विभाग ने राशन दुकानों का लाइसेंस जारी करने के लिए पूर्व के नियमों में परिवर्तन करने का फैसला लिया है.
केरोसिन वेंडर वर्षों से सरकार के लिए काम कर रहे थे. एक अप्रैल से केरोसिन को डीबीटी में शामिल करने के बाद वह बेरोजगार हो जाते. इस वजह से उनको राशन दुकानों का लाइसेंस देने का फैसला किया गया है. इसकी कार्यवाही की जा रही है.
विनय कुमार चौबे, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग
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