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पीओएस मशीन की मांग पूरी नहीं कर पा रहे बैंक

कमजोर पड़ रही कैशलेस अर्थव्यवस्था को लागू करने की चल रही है कवायद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं. बैंकों को कैंप लगा कर कैशलेस प्रचलन के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेवारी दी गयी है. हालांकि, बैंकों की ओर से पर्याप्त मात्रा […]

कमजोर पड़ रही कैशलेस अर्थव्यवस्था को लागू करने की चल रही है कवायद
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं. बैंकों को कैंप लगा कर कैशलेस प्रचलन के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेवारी दी गयी है. हालांकि, बैंकों की ओर से पर्याप्त मात्रा में व्यवसायियों को पॉश/पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं, इसलिए सरकार की कैशलेस अर्थव्यवस्था लागू करने की कवायद कमजोर पड़ती नजर आ रही है.
रांची : पिछले दिनों हुए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक में उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक कैशलेस लेन-देन के लिए बैंकों को पॉश (पीओएस) मशीन के लिए विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 11 हजार 755 आवेदन आये प्राप्त हुए थे. इन आवेदनों पर बैंक द्वारा 5 हजार 707 पॉश मशीन ही उपलब्ध कराये जा सके हैं.
जानकारी के अनुसार आवेदन करनेवाले आधे लोगों को पॉश मशीन नहीं मिल पायी हैं. साहेबगंज, पाकुड़, देवघर जैसे जिले में पॉश मशीन की किल्लत है. राज्य के 24 जिलों में विभिन्न बैंकों द्वारा कैशलेस प्रचलन को सहज बनाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि अब तक बैंकों ने राज्य भर में 14 सौ से ज्यादा कैैंप लगाये हैं. इन कैंपों में 1 लाख 27 हजार लोग कैश लेस के बाबत जानकारी लेने पहुंचे. इनमें 41 हजार लोगों कैश लेस के लिए मोबाइल एप डाउन लोड किये हैं.
एसबीआइ ने सबसे ज्यादा पॉश मशीन बांटे
राज्य में सरकारी और गैर सरकारी लगभग 40 बैंक कार्यरत हैं. एसबीआइ को इस साल जनवरी तक पॉश मीशन के लिए 6688 आवेदन मिले हैं. इसमें से एसबीआइ ने लगभग 4000 पॉश मशीन वितरित किये हैं. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 331, बैंक ऑफ इंडिया ने 235, एचडीएफसी बैंक ने 240, आइसीआइसीआइ बैंक ने 325 पॉश मशीन वितरित किये हैं. एसएलबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद बैंक, ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक आॅफ हैदराबाद जैसे बैंकों द्वारा एक भी पॉश मशीन का वितरण नहीं किया गया है.
नगड़ी प्रखंड से शुरू हुआ था अभियान
‘कैशलेस झारखंड’ अभियान की शुरुआत दो दिसंबर 2016 को नगड़ी से हुई थी. इसके तहत कैशलेस की लोकप्रियता बढ़ाने की बात कही गयी थी. लोगों को कैशलेस लेन-देन की जानकारी देने, मोबाइल एप डाउनलोड करने और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पॉश मशीन देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की बात कही गयी थी. इसके लिए बैंकों को कारगर तरीके से अभियान में जुटने के लिए कहा गया था.
कैशलेस जागरूकता को लेकर राज्य में सबसे ज्यादा कैंप देवघर जिले में लगाये गये हैं. विभिन्न बैंकों द्वारा यहां 400 से ज्यादा कैंप लगे हैं. इन कैंपों में 25 हजार से ज्यादा लोग कैशलेस की जानकारी लेने पहुंचे. वहीं, संताल परगना के दुमका, जामताड़ा, गोड्डा साहेबगंज जिले में अपेक्षाकृत बैंकों द्वारा कम कैंप लगाये गये.

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