उत्पाद विभाग ने शराब की बिक्री में राजस्व की चोरी को देखते हुए खुद ही दुकान खोल कर खुदरा शराब बेचने की योजना बनायी है. योजना पर विभागीय मंत्री सह मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इसे लागू करने के बिंदु पर विधि विभाग की राय मांगी गयी थी. विधि विभाग ने प्रस्ताव की समीक्षा के बाद यह कहा है कि राज्य सरकार दुकान खोल कर खुदरा शराब की बिक्री नहीं कर सकती है. शराब की खरीद-बिक्री, दुकानों की बंदोबस्ती आदि के लिए राज्य में जो नियम लागू है, उसमें सरकार द्वारा खुदरा बिक्री का प्रावधान नहीं है. राज्य में लागू नियम के तहत खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती नीलामी के माध्यम से की जानी है.
सरकार अगर खुद ही खुदरा शराब बेचना चाहती है, तो वर्तमान उत्पाद नीति में बदलाव लाना होगा. साथ ही इसमें एेसा प्रावधान करना होगा, जिससे सरकार खुद ही दुकान खोल कर शराब की खुदरा बिक्री कर सके. वित्त विभाग भी उत्पाद विभाग के इस प्रस्ताव पर आपत्ति कर चुका है. वित्त विभाग ने यह जानना चाहा था कि दुकानों की नीलामी से मिलनेवाली राशि और लाइसेंस फीस के रूप में मिलनेवाली राशि की भरपाई कैसे होगी. सरकार द्वारा खुद ही शराब बेचने पर स्थापना खर्च कितना होगा. वित्त विभाग ने यह भी जानना चाहा था कि विबरेज कॉरपोरेशन की स्थिति ऐसी है कि वह अपने माध्यम से दुकान खोल कर शराब की बिक्री करा सकता है.
इन आपत्तियों के मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2017-18 से सरकार द्वारा दुकान खोल कर खुदरा शराब की बिक्री करने की योजना को लागू किये जाने की संभावना नहीं है. सूत्रों के अनुसार विधि विभाग की अापत्ति के बाद उत्पाद विभाग उत्पाद नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है.