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मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल खोलने पर मनोरंजन कर में पांच से 10 वर्ष तक छूट

रांची: नगर विकास विभाग ने ‘झारखंड चलचित्र प्रोत्साहन नीति-2017’ का प्रस्ताव तैयार किया है. इसे 16 फरवरी को आयोजित होनेवाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले लागू किया जायेगा. विभाग द्वारा इसकी अंतिम तैयारी चल रही है. गौरतलब है कि झारखंड में पीवीआर ने सभी जिलों में मल्टीप्लेक्स खोलने का प्रस्ताव दिया है. रांची में भी […]

रांची: नगर विकास विभाग ने ‘झारखंड चलचित्र प्रोत्साहन नीति-2017’ का प्रस्ताव तैयार किया है. इसे 16 फरवरी को आयोजित होनेवाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले लागू किया जायेगा. विभाग द्वारा इसकी अंतिम तैयारी चल रही है. गौरतलब है कि झारखंड में पीवीआर ने सभी जिलों में मल्टीप्लेक्स खोलने का प्रस्ताव दिया है. रांची में भी अगले माह से तीन स्क्रीन वाला नया मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहा है.
रांची में बंद हो चुके हैं कई सिनेमा हॉल : रांची में कई सिनेमा हॉल बंद हो चुके हैं. रांची का सबसे पुराना सिनेमा हॉल मेन रोड में रतन टॉकिज था, जहां आज ‘बाजार कोलकाता’ है. सैनिक मार्केट के ठीक सामने वेलफेयर सिनेमा हॉल था.

यह भी बंद कर दिया गया. मेन रोड में ही एक रूपाश्री सिनेमा हॉल होता था, जिसे बंद कर गोदाम बना दिया गया है. हाल तक चल रहे सुजाता सिनेमा हॉल भी अभी बंद है. रातू रोड में केवल मीनाक्षी सिनेमा हॉल और ओल्ड एचबी रोड में प्लाजा सिनेमा हॉल है, जो चल रहे हैं. उपहार सिनेमा हॉल को तोड़कर वहां गैलैक्सिया मॉल बना दिया गया है. जहां डबल स्क्रीन का पॉपकॉर्न मल्टीप्लेक्स है. पुरुलिया रोड में संध्या सिनेमा हॉल को तोड़ कर रिलायंस का स्टोर खुला है और एसआरएस का मल्टीप्लेक्स है. सैनिक थियेटर वर्षों से बंद है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से मेन रोड स्थित जेडी हाइस्ट्रीट में कार्निवाल, हिनू में आइलेक्स व फन सिनेमा मल्टीप्लेक्स खुले हैं.

सरकार की नीतियों की वजह से राज्य में सिनेमा हॉल बंद होते जा रहे हैं. कभी राज्य में 252 सिनेमा हॉल थे. जिसमें अभी मात्र 28 ही चालू हैं. शेष बंद हो गये या मल्टीप्लेक्स में परिणत हो गये. सरकार को सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमा हॉल को कम से कम पांच वर्षों तक टैक्स में छूट देनी चाहिए.
प्रशांत सिंह, सचिव सह कोषाध्यक्ष, झारखंड सिनेमा एक्जीविटर्स एसोसिएशन
पुराने सिनेमा हॉल को भी छूट
प्रस्तावित नीति में बंद पड़े और पुराने सिनेमा हॉल के लिए भी प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. नीति लागू होने के बाद यदि कोई सिनेमा हॉल जीर्णोद्धार करता है, तो उसे 24 माह तक मनोरंजन कर में छूट दी जायेगी. वहीं, सिनेमा हॉल को अपग्रेड करने पर 18 माह तक मनोरंजन कर में छूट का प्रावधान किया गया है. बंद सिनेमा हाल को दोबारा चालू करने पर 12 माह तक मनोरंजन कर में छूट का प्रावधान है. वर्तमान में चल रहे सिनेमा हॉल या मल्टीप्लेक्स में शो चले या न चले, सीटें भरे या न भरें, प्रति स्क्रीन 10 हजार रुपये प्रति सप्ताह मनोरंजन टैक्स लिया जाता है.
नये सिनेमा हॉल को भारी छूट
राज्य में दो या दो से अधिक स्क्रीन वाले नया सिनेमा हॉल खोलने पर नगर निगम क्षेत्र में तीन वर्ष, नगर परिषद क्षेत्र में चार वर्ष और अन्य क्षेत्र में पांच वर्ष तक मनोरंजन कर में छूट दी जायेगी. वहीं, मल्टीप्लेक्स खोलने पर नगर निगम में पांच, नगर परिषद में सात और अन्य क्षेत्र में 10 वर्षों तक मनोरंजन कर में छूट दी जायेगी. पर इसके लिए शर्त रखी गयी है कि सिनेमा हॉल संचालकों को कम से कम पांच वर्षों तक सिनेमा हॉल बंद नहीं करना होगा, तभी उन्हें छूट का लाभ मिल सकेगा. वहीं, मल्टीप्लेक्स के लिए यह शर्त सात से 12 वर्षों तक के लिए रखी गयी है.

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