11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

माओवादी को मारनेवाले आइपीएस अफसर को नहीं मिला गैलेंट्री अवार्ड

रांची: भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर चंदन को मार गिरानेवाले रांची के पूर्व एसएसपी प्रभात कुमार को गैलेंट्री अवार्ड नहीं मिला. जबकि उसी घटना में शहीद जवान रुमल सवैया और अन्य पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड प्रदान किया गया. घटना में आइपीएस प्रभात कुमार को भी गोली लगी थी. नक्सलियों की गोली उनके सीने और बांह […]

रांची: भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर चंदन को मार गिरानेवाले रांची के पूर्व एसएसपी प्रभात कुमार को गैलेंट्री अवार्ड नहीं मिला. जबकि उसी घटना में शहीद जवान रुमल सवैया और अन्य पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड प्रदान किया गया. घटना में आइपीएस प्रभात कुमार को भी गोली लगी थी. नक्सलियों की गोली उनके सीने और बांह को छूते हुए निकल गयी थी. अभी वह कोल्हान के प्रभारी डीआइजी हैं.
उनकी बहादुरी को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें वीरता के लिए राज्य शौर्य पदक देकर सम्मानित किया था. आइपीएस प्रभात कुमार को राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड नहीं मिलने से पुलिस महकमा हतप्रभ है. पुलिस मुख्यालय के अधिकारी बताते हैं कि इस घटना में शामिल तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार समेत सभी पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड देने की अनुशंसा की गयी थी.

सरकार ने भी अनुशंसा गृह मंत्रालय को भेजी थी. लेकिन किस स्तर पर गड़बड़ी हुई, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. एक सूत्र ने बताया कि आइपीएस अफसरों की गुटबंदी के कारण प्रभात कुमार के खिलाफ कुछ ऐसी शिकायत की गयी, जिससे उन्हें अवार्ड नहीं मिला.

गोली लगने के बाद लगा था कि अब जिंदा नहीं बचूंगा : 18 अगस्त 2015 की घटना के बाद 19 अगस्त को मेडिका अस्पताल में भरती आइपीएस प्रभात कुमार ने प्रभात खबर से बात करते हुए घटना की विस्तृत जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि गोली लगने के बाद लगा था कि अब जिंदा नहीं बचूंगा. 18 अगस्त को दोपहर 12 बजे नक्सली जोनल कमांडर चंदन के संबंध में सूचना मिली थी. सूचना मिलने के बाद वह एएसपी हर्षपाल और अन्य दो पुलिसकर्मियों के साथ दो वाहनों से खूंटी के रास्ते दुलमी जंगल पहुंच गये थे. सभी सिविल ड्रेस में थे. नक्सली चंदन को जानने व पहचाननेवाला एक व्यक्ति भी उनके साथ था. तय स्थान पर पहुंचने के बाद प्रभात कुमार और एएसपी हर्षपाल गाड़ी से उतर कर पानी पीने लगे थे. दोनों आसपास के जंगल का मुआयना कर रहे थे, तभी नक्सली वहां पहुंच गये और फायरिंग शुरू कर दी. प्रभात कुमार जब तक कुछ समझ पाते, नक्सली उनके बिल्कुल पास आ गये. तब प्रभात कुमार ने नक्सली को सरेंडर करने के लिए कहा. इसी दौरान नक्सली चंदन ने अपनी एके-47 राइफल एसएसपी प्रभात कुमार के सीने पर तान दी. प्रभात कुमार ने हाथ से राइफल को हटाया, लेकिन नक्सली ने फायरिंग कर दी. गोली उनके सीने के दाहिने हिस्से को छूटी हुई बांह में लगी. घायल होने के बाद भी उन्होंने नक्सली को पकड़ लिया. नक्सली लगातार यह कोशिश कर रहा था कि वह दूसरी फायरिंग करे. लेकिन एसएसपी ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से नक्सली को गोली मार दी. बाद में पता चला कि मारा गया नक्सली भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर चंदन था. इस मुठभेड़ में एसएसपी के चालक रुमल सवैया शहीद हो गये थे. एसएसपी के अंगरक्षक शाह फैजल को भी गोली लगी थी. इसके बाद सभी किसी तरह खूंटी पहुंचे. फिर उन्हें मेडिका अस्पताल लाया गया था.
भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर चंदन को मार गिराया था
घटना में रांची के तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार को भी गोली लगी थी
नक्सलियों की गोली उनके सीने और बांह को छूते हुए निकल गयी थी
प्रभात समेत सभी पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड देने की अनुशंसा की गयी थी
एएसपी अभियान हर्षपाल, शहीद जवान रुमल सवैया, सिपाही शाह फैजल, रामाशंकर राम को मिला गैलेंट्री अवार्ड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें