सरकार की स्वीकृति मिलने पर संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में भूमिहीनों के नाम अधिकतम पांच एकड़ जमीन की बंदोबस्ती करेगी. प्रस्ताव में दो एकड़ से कम भूमि पर कब्जा रखने वालों को भूमिहीन मानते हुए प्राथमिकता देने की बात कही गयी है. संदिग्ध जमाबंदी को छोड़ कर अन्य किसी भी मामले में सरकारी जमीन पर कब्जा करनेवालों को जमीन का मालिकाना हक देने पर विचार नहीं किया जायेगा.
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संदिग्ध जमाबंदी के कब्जाधारी को बड़ी राहत, बंदोबस्त होगी पांच एकड़ जमीन
रांची : झारखंड में संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में सरकार कब्जाधारियों को बड़ी राहत दे रही है. संदिग्ध जमाबंदी के कब्जाधारी व उसके परिजनों के नाम पर अन्यत्र जमीन नहीं होने पर राज्य सरकार उसे पांच एकड़ जमीन देने पर विचार कर रही है. भू-राजस्व विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है. सरकार की स्वीकृति मिलने […]
रांची : झारखंड में संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में सरकार कब्जाधारियों को बड़ी राहत दे रही है. संदिग्ध जमाबंदी के कब्जाधारी व उसके परिजनों के नाम पर अन्यत्र जमीन नहीं होने पर राज्य सरकार उसे पांच एकड़ जमीन देने पर विचार कर रही है. भू-राजस्व विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है.
आदिवासी-मूलवासी किसानों के हित में : राज्य में लागू भूमिहीन किसान की परिभाषा में सीमांत किसानों को भूमिहीन व पांच एकड़ जमीन पर हक रखने वाले किसान को लघु किसान माना गया है. इसी आधार पर भू-राजस्व विभाग के प्रस्ताव में संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में 2.5 एकड़ से कम जमीन पर दखल रखनेवाले सीमांत किसानों को भूमिहीन माना गया है. प्रस्ताव के मुताबिक संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में ज्यादातर दखलकार किसान हैं. इनमें अधिकतर मूलवासी या आदिवासी हैं. वह संबंधित जमीन के सहारे ही जीवन यापन करते आये हैं. ऐसे में मूलवासियों और आदिवासियों के हित में अधिकतम पांच एकड़ जमीन की बंदोबस्ती दखलकार किसान के नाम से की जा सकती है.
क्या है संदिग्ध जमाबंदी
संदिग्ध जमाबंदी वैसे मामलों को माना गया है, जिनमें राज्य सरकार ने गैरमजरुआ जमीन अलग-अलग लोगों के नाम बंदोबस्त की थी. पर निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद अब तक बंदोबस्ती नवीकरण नहीं किया जा सका है. सादा हुकूमनामा के आधार पर जमीन का मालिकाना हक रखनेवालों को भी संदिग्ध जमाबंदी के दायरे में रखा गया है. इसके अलावा सरकार द्वारा बंदोबस्त की गयी जमीन बिना सरकारी अनुमति के किसी को हस्तांतरित की गयी और फरजी हुकुमनामा के आधार पर कब्जे में रखी गयी जमीन को भी संदिग्ध जमाबंदी माना गया है.
संदिग्ध जमाबंदी मामला
6.48 लाख एकड़ भूमि की संदिग्ध है जमाबंदी
मई में सरकार ने पूरे राज्य में संदेहास्पद जमाबंदी के 40,145 मामले चिह्नित किये थे. यह मामले 6.48 लाख एकड़ भूमि से संबंधित हैं. चिह्नित जमाबंदियों को वर्गीकृत कर स्पष्ट किया जा चुका है कि किस श्रेणी व वर्ग के लोगों के पास कितनी अवैध भूमि है. अब तक कब्जे को अवैध मानते हुए कुल 1,21,483 एकड़ जमीन की जमाबंदी को रद्द करने की कार्यवाही की जा चुकी है.
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