मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : गड़बड़ी पाये जाने पर छोटे अफसरों को दंडित कर मामला निबटा दिया जाता है. दोषी होने पर भी बड़े अधिकारी बच निकलते हैं. हजारीबाग से आयी एक शिकायत की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त से कहा : छोटे नहीं, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करिये. शिकायतकर्ता ईशांत कुमार सिंह का कहना था कि आर्मी ट्रेनिंग कंपनी हजारीबाग के किरोसिन तेल विक्रेता कल्याण सिंह की मृत्यु 29 मई 2014 को हो गयी थी. नियमानुसार, विक्रेता की मृत्यु के साथ ही उसका लाइसेंस रद्द हो जाता था. फिर भी कल्याण सिंह के लाइसेंस पर दूसरा व्यक्ति काम कर रहा है. हजारीबाग के उपायुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि शिकायत सही है. मामले में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी व अन्य पर कार्रवाई की गयी है. इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अनियमितता के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी भी जिम्मेवार हैं. छोटे पदाधिकारी पर कार्रवाई करके वह अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकते हैं.
Advertisement
महिला समूह को सूद समेत लौटायें पैसे
रांची: जनसंवाद कार्यक्रम में शिकायतों की सुनवाई के दौरान आशादीप महिला समूह तोरपा का मामला सीएम के समक्ष आया. बताया गया कि सोलर लाइट के लिए साढ़े सात लाख रुपये डीआरडीए कार्यालय में जमा कराये गये थे, लेकिन न तो सोलर लाइट मिली और न ही उनकी राशि वापस की जा रही है. मुख्यमंत्री रघुवर […]
रांची: जनसंवाद कार्यक्रम में शिकायतों की सुनवाई के दौरान आशादीप महिला समूह तोरपा का मामला सीएम के समक्ष आया. बताया गया कि सोलर लाइट के लिए साढ़े सात लाख रुपये डीआरडीए कार्यालय में जमा कराये गये थे, लेकिन न तो सोलर लाइट मिली और न ही उनकी राशि वापस की जा रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डीसी खूंटी को आदेश दिया कि उक्त राशि जितने दिन डीआरडीए के पास रही और जितने दिन जेरेडा के पास रही, उतने दिनों का ब्याज निर्धारण कर, एक सप्ताह के अंदर महिला समूह को राशि उपलब्ध करायें.
उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व भी समूह की प्रभावती देवी ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में इसकी शिकायत दर्ज करायी थी. जरेडा कार्यालय में भी इसकी शिकायत की गयी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने खूंटी के डीसी से इस बारे में पूछताछ की. इस पर डीसी ने बताया कि 26 दिसंबर को बीडीओ को उक्त राशि भेजी जा चुकी है, तीन-चार दिनों में इनका भुगतान हो जायेगा. डीसी खूंटी के इस वक्तव्य पर प्रभावती देवी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से कहा कि उनकी राशि तो कर्ज पर ली गयी थी, जिसका ब्याज उन्हें चुकाना पड़ रहा है, ऐसे में उक्त राशि उन्हें ब्याज सहित चाहिए.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : गड़बड़ी पाये जाने पर छोटे अफसरों को दंडित कर मामला निबटा दिया जाता है. दोषी होने पर भी बड़े अधिकारी बच निकलते हैं. हजारीबाग से आयी एक शिकायत की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त से कहा : छोटे नहीं, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करिये. शिकायतकर्ता ईशांत कुमार सिंह का कहना था कि आर्मी ट्रेनिंग कंपनी हजारीबाग के किरोसिन तेल विक्रेता कल्याण सिंह की मृत्यु 29 मई 2014 को हो गयी थी. नियमानुसार, विक्रेता की मृत्यु के साथ ही उसका लाइसेंस रद्द हो जाता था. फिर भी कल्याण सिंह के लाइसेंस पर दूसरा व्यक्ति काम कर रहा है. हजारीबाग के उपायुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि शिकायत सही है. मामले में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी व अन्य पर कार्रवाई की गयी है. इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अनियमितता के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी भी जिम्मेवार हैं. छोटे पदाधिकारी पर कार्रवाई करके वह अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकते हैं.
क्या है खूंटी का मामला
प्रभात खबर ने 6 अगस्त 2016 को इन महिलाओं की समस्या उठायी थी. दरअसल, गांवों में सोलर चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनी नदारद है, जिसके चलते विभिन्न जिलों की 120 महिला स्वयं सहायता समूह(एसएचजी) की राशि फंस गयी है. एक एसएचजी की 15-15 हजार रुपये की राशि अटकी हुई है. न तो सोलर चार्जिंग स्टेशन बन रहा है और न ही उनकी राशि वापस लौटायी जा रही है.
1400 गांवों का चयन किया गया था
इस कार्यक्रम के लिए झारखंड के 14 जिलों के 1400 गांवों का चयन किया गया. जिसमें पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा, हजारीबाग, लातेहार, पलामू, कोडरमा, गुमला, सरायकेला-खरसावां, बोकारो, सिमडेगा, प. सिंहभूम, चतरा, रामगढ़ और गढ़वा जिलों का चयन किया गया. पहले चरण में खूंटी जिले की 29 एसएचजी , गुमला जिले की 85 एसएचजी, पलामू जिले की सात और गढ़वा जिले की एक एसएचजी ने राशि जमा की है. अगस्त 2015 में खूंटी जिले की 29 एसएचजी ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के पास राशि जमा करा दी थी. पर चार्जिंग स्टेशन नहीं बना और ये महिलाएं तब से राशि वापस करने की मांग कर रही है.
नक्सल प्रभावित जिलाें के लिए बनी थी योजना
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के नक्सल प्रभावित प्रत्येक जिलाें के एक सौ गांवों में सेंट्रालाइज्ड सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना आरंभ की गयी थी. इसके तहत सेंट्रालाइज्ड सोलर चार्जिंग स्टेशन में 50 सोलर लालटेन एवं 10 मोबाइल चार्ज करने की व्यवस्था की जानी है. जिसे ग्राम से ही संचालित स्वयं सेवी संगठनों अथवा इंटरप्रेन्योर के माध्यम से कराया जाना है. भारत सरकार द्वारा नामित एजेंसी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड को यह काम सौंपा गया. करीब डेढ़ लाख की एक सोलर चार्जिंग स्टेशन पर महिला स्वयंसहायता समूह या निजी व्यक्ति को केवल 15 हजार रुपये वहन करने थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement