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शहीद शशिकांत को पिता ने दी मुखाग्नि

धनबाद/रांची: आतंकियों के हमले में शहीद भारतीय सेना के जवान शशिकांत पांडेय की सोमवार को दामोदर नदी के मोहलबनी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गयी. मुखाग्नि उनके पिता राजेश्वर पांडेय ने दी. 45 राउंड फायरिंग कर जवानों ने शहीद को सलामी दी. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो उठा. लाखों आंखें एकाएक […]

धनबाद/रांची: आतंकियों के हमले में शहीद भारतीय सेना के जवान शशिकांत पांडेय की सोमवार को दामोदर नदी के मोहलबनी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गयी. मुखाग्नि उनके पिता राजेश्वर पांडेय ने दी. 45 राउंड फायरिंग कर जवानों ने शहीद को सलामी दी. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो उठा. लाखों आंखें एकाएक बरस पड़ीं.

पाकिस्तान मुर्दाबाद-शहीद शशिकांत अमर रहें के नारे से मोहलबनी श्मशान घाट गूंज उठा. रामगढ़ से सिख रेजिमेंट के 27 जवान व सीआरपीएफ के 50 जवान अंतिम यात्रा में शामिल थे. वहीं अंबाला पारा मिलिटरी यूनिट 107 के एबीडी संजीव कुमार व मानव हर्ष पांडेय भी उपस्थित थे. अपराह्न तीन बजकर 10 मिनट पर शव मोहलबनी श्मशान घाट पहुंचा. इस दौरान दामोदर नदी के दोनों किनारों पर खड़े लोग पाकिस्तान विरोधी नारे लगा रहे थे. शव पहुंचने से पूर्व झारखंड सरकार के मंत्री अमर बाउरी व सांसद पीएन सिंह भी पहुंचे.

राजनेताओं को देख प्रकट किया विरोध
मंत्री व सांसद के पहुंचने पर घाट पर मौजूद लोगों ने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि तीन दिन बीतने पर भी झारखंड सरकार ने शहीद के परिजन के लिए मुआवजा का एलान नहीं किया है. यह शहीद का अपमान है. लोगों के विरोध पर अमर बाउरी ने कहा कि सरकार ने शहीद के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. शहीदों के लिए एक नीति बनायी जायेगी, ताकि शहीद परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके. कहा कि झरिया-सिंदरी मार्ग को शहीद शशिकांत के नाम पर करने के लिए इसकी मांग कैबिनेट में रखी जायेगी. जोड़ापोखर में शहीद की आदमकद मूर्ति लगायी जायेगी. लोगों के समझाने पर आक्रोशित शांत हुए. इधर, शहीद पुत्र को मुखाग्नि देते राजेश्वर पांडेय फूट-फूट कर रो पड़े. बड़े पुत्र श्रीकांत पांडेय ने किसी तरह अपने पिता को ढांढ़स बंधाया. इस दौरान शशिकांत पांडेय के अन्य परिजन व दोस्त भी रोने लगे.
शशिकांत पर गर्व करता है झारखंड : चंद्रप्रकाश
जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा है कि झारखंड शशिकांत पांडेय जैसे सपूत पर गर्व करता है. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में अपना बलिदान देनेवाले श्री पांडे ने राष्ट्र को कृतज्ञ किया है. उन पर झारखंड के हर व्यक्ति को नाज है.
हमरा बबुआ के बक्सवा से निकाल दुश्मनवा भेजवइले बा
शहीद की मां ललिता देवी रो-रोकर कह रही थीं- ‘हमरा बबुआ के बक्सवा से निकाल, दुश्मनवा भेजवइले बा. हमरा दुअरा पर भीड़ काहे खातिर लागल बा, लोग तिरंगा लेके काहे खड़ा बा, हम पागल नइखी, बबुआ माई-माई कहके बुलावत बाड़न, अइसन कानून काहे खातिर, दुश्मनवा के सजा दिलावे के बा.’ बड़े बेटा श्रीकांत पांडेय मां को ढाढ़स बंधाते हुए कहते, ‘माई, हमारा के देख. श्रीकांत में ही शशिकांत दिखाई दी.’
जियलगोरा लाया गया पार्थिव शरीर मां शव को देख कर हुई बेहोश
इससे पहले बरवा अड्डा हवाई पट्टी से शहीद शशिकांत पांडेय का पार्थिव शरीर जियलगोरा लाया गया. शहीद के पिता राजेश्वर पांडेय, बड़े भाई श्रीकांत पांडेय, बहन रिंकू देवी, सिंधु कुमारी फूट-फूट कर रो पड़े. यह देख कर वहां आये जवानों की आंखों में भी आंसू आ गये. जवान घर जाकर शहीद की मां ललिता देवी को सहारा देकर मंच तक लाये. मां कॉफिन देखकर बेहोश हो गयी. पानी छिड़ककर उन्हें होश में लाया गया. आंखें खुलते ही फिर बेहोश हो गयीं. इसके बाद उन्हें घर पहुंचा दिया गया.

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