रांचीः निगरानी ब्यूरो ने धनबाद में करीब 60 करोड़ की कृषि ऋण गड़बड़ी की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. जांच के दौरान निगरानी ने पाया है 200 से ज्यादा गैर किसानों को अवैध ढंग से कृषि ऋण दिया गया है. इसके अलावा कुछ वैसे लोगों के नाम पर ऋण आवंटित किया गया, जिन्हें कृषि यंत्र खरीदने के लिए पूर्व में भुगतान किया जा चुका था.
लेकिन, नयी सूची में पुराने किसानों का नाम भी शामिल कर दिया गया है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार जल्द प्राथमिकी के प्रारूप के साथ रिपोर्ट सरकार के पास भेजी जायेगी. सरकार से प्राथमिकी की अनुमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने कृषि यंत्र योजना के अंतर्गत धनबाद को करीब 60 करोड़ आवंटित किये थे.
रुपये सहयोग समितियों के माध्यम से किसानों के बीच बांटे जाने थे, लेकिन योजना का लाभ लाभुकों को नहीं मिला. सहयोग समिति के सदस्यों ने आपस में साठ- गांठ कर करोड़ों की गड़बड़ी कर ली. जब मामला सरकार के पास पास आया, तब सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और पिछले वर्ष अगस्त मामले की जांच का निर्देश निगरानी को दिया था.