राज्य सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में आहूत झारखंड बंद का शुक्रवार को रांची जिले के आसपास क्षेत्रों में मिलाजुला असर रहा. आम दिनों की तरह प्रखंड क्षेत्र में स्कूल, काॅलेज, सरकारी कार्यालय व व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे. सड़क पर छोटे वाहनों का परिचालन कहीं-कहीं हुआ और किसी क्षेत्र में नहीं भी हुआ. लंबी दूरी के बस व बड़े मालवाहक वाहन नहीं चले. बाजार नहीं लगे. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
मांडर: मांडर के टांगरबसली रेलवे स्टेशन पर महिला-पुरुष बंद समर्थक सुबह के करीब दस बजे से ही हरवे हथियार से लैस रेल पटरी के बीच बैठे गये. उन्होंने रांची से लोहरदगा जा रही यात्री ट्रेन को करीब आधे घंटे तक रोके रखा. बाद में मौके पर पहुंची मांडर पुलिस ने बंद समर्थकों को रेल पटरी से हटाया और ट्रेन को रवाना किया. इधर चान्हो प्रखंड में बंद समर्थकों ने सुबह करीब छह बजे ही चोड़ा के निकट बीजूपाड़ा-खलारी मार्ग को जाम कर दिया था. जिसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. चान्हो पुलिस ने जाम हटवाया और चार लोगों को हिरासत में ले लिय, जिन्हें देर शाम रिहा कर दिया गया. बंद को लेकर टांगर से बीजूपाड़ा चौक तक बंद समर्थकों ने आक्रोश मार्च निकाला और टांगर में सभा कर सरकार से अविलंब सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को वापस लेने की मांग की. बंद के दौरान मांडर व चान्हो प्रखंड से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
कांके. कांके क्षेत्र में झारखंड बंद का व्यापक असर देखा गया. हालांकि क्षेत्र के सरकारी कार्यालय, बैंक, अस्पताल आम दिनों की तरह खुले रहे. व्यावसायिक व निजी वाहन, टेंपो का परिचालन नहीं हुआ. साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रो. कांके न्यू मार्केट, बीएयू गेट, ब्लॉक चौक, बोड़ेया, अरसंडे की दुकानें बंद रही. बीएयू, रिनपास, सीआइपी, कांके प्रखंड कार्यालय सहित सभी बैंक व पोस्टऑफिस खुले रहे. सुबह नौ बजे दर्जनों समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए बंद कराने निकले. बंद कराने में झामुमो के समनुर मंसुरी, मुश्ताक आलम, असलम, अभिषेक राज हेरेंज, सोनू मुंडा, पंचम तिर्की, कैलाश उरांव, सुरेंद्र लिंडा, अरुण तिर्की, अरविंद गाड़ी, रजनीश पहान, कृष्णा उरांव शामिल थे.
ओरमांझी. बंद के समर्थन में आदिवासी संगठन व जेएमएम द्वारा शास्त्री चौक जाम कर प्रदर्शन किया गया. जिसका नेतृत्व प्रेमनाथ मुंडा ने किया. बंद समर्थकों ने चौक से जुलूस निकाल कर चकला मोड़ होते हुए ओरमांझी तक गये. मौके पर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष रमेश उरांव, चंदरा मुखिया रमेश चंद्र उरांव, करमा मुखिया सोमरा उरांव, लक्ष्मण मुंडा, गणेश करमाली, फेकन पाहन, तुलसी खरवार, नरेश यादव, गोपाल बेदिया, विशेश्वर तिर्की व अन्य मौजूद थे.
बंद का प्रभाव कम रहा : हटिया. बंद का असर हटिया, सिंह मोड़, तुपुदाना में सामान्य रहा. बंद समर्थक कहीं दिखायी नहीं दीये. वहीं तुपुदाना, हटिया में पुलिस बल बंद समर्थकों से निबटने के लिए तैनात थी. पिस्कानगड़ी. नगड़ी सहित आसपास के क्षेत्रों में बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया. बाजार आम दिनों की तरह खुले रहे. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पूरा नगड़ी में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. किसी भी संगठन के लोग बंद कराने नहीं आये. लापुंग. प्रखंड क्षेत्र में झारखंड बंद बेअसर रहा. बैंक, प्रखंड व अंचल कार्यालयों में कामकाज नियमित रहा. हाट बाजार खुले रहे व आम दिनों की तरह खरीद-बिक्री हुई. लंबी दूरी के वाहन नहीं चले.
नामकुम. झारखंड बंद नामकुम में शांतिपूर्ण रहा. कस्बाई इलाकों में बंद का असर नहीं देखा गया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला. नामकुम के जामचुआं, लदनापीड़ी, हहाप, रामपुर, राजाउलातु तथा बरगांवा के ग्रामीणों ने बंद का समर्थन किया. ग्रामीण पैदल मार्च करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाये व एक्ट में संशोधन को वापस लेने की मांग की. कुछ बंद समर्थकों ने रिंग रोड को जाम कर दिया. पुलिस ने सूचना मिलते ही सभी को गिरफ्तार कर लिया व थाना ले आयी. बंद करानेवालों में सीपीआइएम के बेंजामिन तिर्की, सामुएल रूंडा, जेएमएम के प्रमोद कुमार, सर्वजीत सिंह, हाबिल मिंज, कांग्रेस के राजेश कच्छप, जेवीएम के मुन्ना बड़ाइक, नन्हे कच्छप, हरि केरकेट्टा, मंगल सिंह टोप्पो, आशीष टोप्पो, आनंद मुंडा, रवींद्र मुंडा, गोपाल मुंडा व अन्य शामिल थे.
अनगड़ा. प्रखंड क्षेत्र में बंद का आंशिक असर रहा. लंबी दूरी की वाहन नहीं चले. मार्ग में सिर्फ टेंपो व नीजी वाहनों का आवागमन हुआ. दुकानें व सरकारी कार्यालय खुले रहे. इधर जोन्हा कांशीडीह में रांची-पुरुलिया मुख्य मार्ग पर श्रीपद मुंडा के नेतृत्व में आदिवासी अधिकार मोरचा व सीपीआइएम कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. मुंडा ने कहा कि भाजपा सरकार काश्तकारी अधिनियम में किया गया संशोधन बिना शर्त वापस ले, अन्यथा पूरे राज्य में चक्का जाम किया जायेगा. सड़क जाम कर रहे लोगों को थाना प्रभारी रामबाबू मंडल ने मुख्य सड़क से हटाया. एक दर्जन सीपीआइएम कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. दोपहर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
12 बंद समर्थक गिरफ्तार तीन बजे रिहा
रातू. आदिवासी मूलवासी संघर्ष मोरचा के तत्वावधान में बंद का रातू में व्यापक असर रहा. क्षेत्र की सभी दुकानें सुबह से ही स्वत: बंद रही. एनएच पर लंबी दूरी के वाहन नहीं चले. शाम तीन बजे के बाद छिटपुट छोटे वाहन का चलना शुरू हुआ. सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती की गयी थी. सुबह में हाई स्कूल व मलमाडू चौक, तिलता, झिरी मोड़ के समीप सड़क जाम कर दिया गया. प्रशासन ने सड़क जाम को हटाया. क्षेत्र में 12 बंद समर्थक को पुलिस निरीक्षक आमोद नारायण सिंह ने रातू से गिरफ्तार कर कैंप जेल थाना ले गये. सभी गिरफ्तार लोगों को दोपहर बाद तीन बजे निजी मुचलके पर रिहा किया गया. बंद करानेवालों में जिप सदस्य अमर उरांव, प्रवीण उरांव, वीरेंद्र भगत, महावीर विश्वकर्मा, पावईरूस तिर्की, विष्णु भगत, बेलाल अंसारी, कृष्णा ठाकुर, चंद्रभूषण उरांव, विपीन उरांव सहित दर्जनों लोग शामिल थे.