रांची: झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दुमका के छात्रावास में पुलिस द्वारा की गयी छापामारी और कार्रवाई पर सवाल उठाया है. श्री यादव ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ आंदोलन से सरकार घबराहट में है. राज्य सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है.
झाविमो विधायक ने आरोप लगाया कि दुमका का यह छात्रावास पहले से ही भाजपा की आंखों की किरकिरी बना हुआ है. एक माह पूर्व सिदो-कान्हू विवि में संपन्न छात्र इकाई के चुनाव में सभी छह सीटों पर झाविमो छात्र मोरचा ने परचम लहराया था. सरकार ने दुर्भावना से ग्रसित हो कर यहां छापामारी की है. ऐसे छात्र जो बंदी के दिन आंदोलन में शामिल नहीं थे, उन्हें भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इसमें केवल जेवीएम और जेएमएम के छात्र इकाई से जुड़े लोगों को चुन-चुन कर अभियुक्त बनाया है. श्री यादव ने कहा कि दिसंबर और जनवरी में आदिवासियों का प्रमुख त्योहार सोहराय होता है, इस पर्व में हथियार की पूजा की जाती है और निशानेबाजी होती है.
आंदोलन को बदनाम करने का हो रहा प्रयास
झाविमो नेता ने कहा कि शराब की खाली बोतलें पुलिस दिखा रही है. आइजी, डीसी और एसपी कार्यालय के पास खुलेआम चल रहे शराब कारोबार पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती. श्री यादव ने कहा कि 25 नवंबर को आमजनों के सहयोग से बंदी ऐतिहासिक रही. इसमें जेवीएम और जेएमएम व अन्य छात्र संगठन शामिल हुए. सरकार आंदोलन को बदनाम करने और कुचलने के लिए आगजनी की घटना से जोड़ रही है. पुलिस ने अपना दायित्व नहीं निभायी, उल्टे बेगुनाहों काे फंसाया जा रहा है. श्री यादव ने कहा पार्टी मांग करती है कि बंद छात्रावास को अविलंब खोला जाये. बेगुनाह छात्रों का नाम एफआइआर से हटाया जाये. पारंपरिक हथियार बाइज्जत सभी छात्रों तक पहुंचाये जायें. सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाये, तो आंदोलन तीव्र होगा.