मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने भी हाल के दिनों में खुद चार-पांच पर पीएमजीएसवाइ पर बैठकें की है. वह विभागीय इंजीनियरों के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों को काम तेज करने के लिए लगातार निर्देश दे रही हैं. विभिन्न स्तरों पर की गयी समीक्षा में यह पाया गया है कि वर्ष 2000 से लेकर अब तक 16818 किमी सड़क बनाने के लक्ष्य के विरुद्ध 13522 किमी सड़कें बनी है. वहीं 7838 बसावटों को जोड़ना था. इसमें से 5734 बसावटों को जोड़ा गया है. कार्य प्रगति पर हर स्तर से नाराजगी व्यक्त की जा रही है.
पीएमजीएसवाइ की कई योजनाएं सात-आठ साल से लटकी हुई है. गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, चतरा, गिरिडीह सहित अन्य उग्रवाद प्रभावित जिलों में 2008 से 2010 के बीच आवंटित योनजाएं भी पूरी नहीं हो सकी है. बाद के फेज में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जो योजनाएं शुरू करायी गयी थी, उनमें से भी कई योजनाएं लटकी हुई है. समीक्षा के दौरान सरकार ने पीएमजीएसवाइ की यह स्थिति देख कर नाराजगी व्यक्त की और आवश्यक निर्देश देना शुरू किया.