Advertisement
सत्ता में आये, तो संशोधन करेंगे निरस्त
महाचर्चा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट और आदिवासी मामलों पर विचार-विमर्श, बाबूलाल ने कहा रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यदि राज्य की जनता ने अवसर दिया, सत्ता दी, तो सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को निरस्त कर देंगे़ जो पूंजी निवेश करेगा, वह डूब जायेगा़ राज्य गंभीर समस्याओं […]
महाचर्चा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट और आदिवासी मामलों पर विचार-विमर्श, बाबूलाल ने कहा
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यदि राज्य की जनता ने अवसर दिया, सत्ता दी, तो सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को निरस्त कर देंगे़ जो पूंजी निवेश करेगा, वह डूब जायेगा़ राज्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है़ अपने समाज के प्रति हम सबका दायित्व है़ राजनीतिक बातों को समझना जरूरी है़ वह रविवार को एसडीसी, पुरुलिया रोड में युवाओं के लिए सीएनटी-एसपीटी कानून और आदिवासी मामलों पर महाचर्चा में बोल रहे थे़
पढ़ाई के लिए लोन क्यों लें आदिवासी : उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए आदिवासी युवाओं को ऋण लेने की क्यों जरूरत है? अपने मुख्यमंत्रित्व काल में प्रावधान किया था कि उच्चतर अध्ययन के लिए किसी भी राज्य में जानेवाले आदिवासी विद्यार्थी की ट्यूशन फीस सरकार वहन करेगी़ इसकी कोई सीमा नहीं थी़ यह निर्णय सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है़ आज की सरकार गर्व से कह रही है कि वह सीएनटी-एसपीटी एक्ट में इसलिए संशोधन कर रही है ताकि लोग ऋण ले सके़ं असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों के लिए भी प्रावधान किया था़ स्वरोजगार के लिए आदिवासी युवाओं को छह सौ बसें दी, ताकि वे व्यवसाय करना सीख सके़ं युवाओं को पाइलट प्रशिक्षण दिलाया़ हाट-बाजार और बालू घाटों पर निंयत्रण दिया था़ यह सरकार रोजगार नहीं दे रही है. इसकी जगह जो दिया था, उन्हें भी बंद कर दिया गया़
संशोधन का पूरा खेल निजी लोगों को जमीन देने के लिए : सीएनटी एक्ट में प्रावधान है कि जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है़ इसी की बदौलत एचइसी, सीसीएल, बीसीसीएल, रेल लाइन, सड़क, डैम, खदान के लिए जमीनें ली गयी़ पूरा उपक्रम जमीन के निजी लोगों के उपयोग में लाने के लिए की गयी है़ मालिकाना हक बने रहने की बात भी उद्याेगपतियों को लाभ दिलाने का खेल है़ धीरे-धीरे सब छीन लिया जायेगा़
आबादी के अनुपात में मिलता है आरक्षण : आरक्षण आबादी के अनुपात में मिलता है़ 1951 में यहां आदिवासी आबादी 36 फीसदी थी, जो अब घट कर 26 रह गयी है़ संशोधन होने पर बाहर के लोग आते जायेंगे और कल-कारखाने लगने पर आदिवासी विस्थापित होते जायेंगे़ आबादी का अनुपात कम होगा, तो उसी अनुपात में विधानसभा, लोकसभा की सीटें और नौकरियाें में आरक्षण भी कम होगा़ इन सबके खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की जरूरत है़
अधिवक्ताओं ने भी रखे विचार : अधिवक्ता रश्मि कात्यायन ने कहा कि भुईंहरी और मुंडारी खूंटकट्टी जमीन को नहीं बचा पाये, तो झारखंड को नहीं बचा पायेंगे़ सीएनटी एक्ट की मूल आत्मा इन्हीं में है़ हमें अपने रीति-रिवाज और परंपराओं को याद रखने की जरूरत है़
अधिवक्ता पांडेय रविंद्रनाथ राय ‘मणि बाबू’ ने कहा कि मुंबई के काश्तकारी कानून में यह प्रावधान है कि जमीन 35 साल के लिए लीज पर ली जाये़ मालिकाना हक बना रहेगा और रैयत के बैंक खाते में उपायुक्त के माध्यम से साल में एक बार किराया आता रहेगा़ सीएनटी- एसपीटी एक्ट झारखंड के रैयतों का विषय है़ इसे सिर्फ आदिवासियों का मामला समझना गलत है़ सरकार की न्यायिक व्यवस्था पर एक सवाल के जवाब में कहा कि सिविल कोर्ट ने व्यवस्था दुरुस्त की है, पर सरकार के न्यायालय में रैयत और सरकार के हितों के टकराव पर फैसला कैसे होगा?
राजकुमार नागवंशी ने कहा कि सरकार की न नीयत साफ है, न ही नीति. यह आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व दलितों की सुधि लेने वाली नहीं है़ मौके पर फैसल अनुराग, फादर प्रफुल्ल तिग्गा, प्रवीण, जगदीश लोहरा, अलबिनुस तिग्गा व अन्य मौजूद थे़ कार्यक्रम का संचालन शिवा कच्छप व कुलदीप तिर्की ने किया़
आदिवासियों काै नौकरी से भी वंचित करना चाहती है सरकार : बंधु
पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीयता नीति बना कर और सीएनटी- एसपीटी एक्ट में संशोधन कर सरकार आदिवासियों को नौकरियों के साथ-साथ खेती से भी वंचित करना चाहती है़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 15 में संशोधन कर सरकार ने यह व्यवस्था कर दी है कि हमारे मुखिया के ऊपर एक सुपर मुखिया होगा़ यह पेसा कानून के अधिकार में भी हस्तक्षेप है़ अपने अधिकार और हिस्सेदारी के लिए राजनैतिक जागरूकता जरूरी है़ अगले ढाई सालों में हमें संगठित होना होगा़ अपना सही नेता चुनना होगा़
कैथोलिक महिला संघ की सदस्याें को भी किया संबोधित
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने यूसी सभागार, पुरुलिया रोड में महाधर्मप्रांतीय कैथोलिक महिला संघ की सदस्यों को भी संबोधित किया़ उन्हें राजनीतिक रूप से जागरूक रहने और लोगों को सरकारी नीतियों और नफा-नुकसान की जानकारी देने की बात कही़ इस मौके पर बेर्नादेत्त डुंगडुंग, मरियम कुजूर, सरोजनी लकड़ा, लिली बारला, बिबियाना लकड़ा, सिसिलिया लकड़ा, शांता टोपनो व अन्य मौजूद थी़ं
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement