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बाल अधिकारों में सबसे अहम शिक्षा का अधिकार

अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा रांची : सभी बच्चे अच्छे व प्यारे होते हैं. फिर भी सबको एक समान परिवार, माहौल व अवसर नहीं मिलते. बाल अधिकार की हम बात करें, तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण है शिक्षा का अधिकार. सर्व शिक्षा अभियान सहित अन्य अभियान के बावजूद कई […]

अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा
रांची : सभी बच्चे अच्छे व प्यारे होते हैं. फिर भी सबको एक समान परिवार, माहौल व अवसर नहीं मिलते. बाल अधिकार की हम बात करें, तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण है शिक्षा का अधिकार. सर्व शिक्षा अभियान सहित अन्य अभियान के बावजूद कई बच्चों को यह अधिकार नहीं मिल रहा.
अभिभावकों में जागरूकता की कमी इसका सबसे बड़ा कारण है. समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने ये बातें कही. वह रविवार को अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. होटल बीएनआर में यह अायोजन बाल अधिकार संरक्षण अायोग तथा सहयोगी संस्थाअों के तत्वावधान में किया गया था. श्रीमती मरांडी ने कहा कि शिक्षित अभिभावक शिक्षा के प्रति जागरूक होते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता लाना एक चुनौती है. उन्होंने अायोग से विभिन्न प्रमंडलों व पंचायत स्तर पर जागरूकता के लिए ऐसे कार्यक्रम अायोजित करने की सलाह दी. बाल श्रम, बाल व्यापार (ट्रैफिकिंग) व बाल पलायन को भी झारखंड के लिए बड़ी समस्या बतायी. मंत्री ने कहा कि जल्द ही रांची व गुमला में ऐसे बच्चों के लिए कौशल विकास केंद्र खोला जायेगा.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अारती कुजूर ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि देश भर के राज्यों में वहां के आयोग के जरिये बाल अधिकार दिवस का अायोजन किया जा रहा है. बच्चों को उनके अधिकार मिले, इसके लिए अन्य प्रयास के अलावा उनके मां-बाप को भी रोजगार उपलब्ध कराना होगा. इससे बाल श्रम तथा बच्चों के पलायन पर रोक लगेगी.
राज्य बाल संरक्षण सोसाइटी के निदेशक राजेश सिंह ने कहा कि जहां तक बाल अधिकार की बात है, यह अधिकार बाल सुरक्षा जितना ही महत्वपूर्ण है. बच्चों का विकास उनके अधिकारों की सीमा या परिधि में रह कर ही नहीं किया जाये.
उन्हें स्नेह के साथ ऐसा माहौल उपलब्ध कराया जाये, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो. कार्यक्रम में समाज कल्याण सचिव एमएस भाटिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इससे पहले राज्य बाल संरक्षण अायोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार ने अतिथियों सहित उपस्थित लोगों का स्वागत किया. इस अवसर पर झालसा के सदस्य सचिव एके राय, विभिन्न गैर सरकारी संस्थाअों (क्राइ, प्लान, सेव द चिल्ड्रेन, सिनी, वर्ल्ड विजन, क्रेज, बालसखा, सृजन फाउंडेशन व बीकेएस) के प्रतिनिधि तथा खूंटी, गुमला व रामगढ़ के बच्चे उपस्थित थे.
बच्चों की बात व सांस्कृतिक कार्यक्रम : कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 15 चयनित बच्चों ने बाल अधिकार तथा बच्चों से संबंधित मुद्दों सहित सतत विकास के लिए तय 17 वैश्विक लक्ष्य पर अपनी बातें कही. कार्यक्रम के अंत में विभिन्न संस्थाअों की अोर से बच्चों ने सांस्कृतिक व जागरूकता कार्यक्रम भी पेश किये.
समाज कल्याण सचिव एमएस भाटिया ने कहा कि राज्य सरकार जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट में कुछ नये नियम जोड़ेगी. उसी तरह बाल विवाह संबंधी कानून में भी कुछ नये प्रावधान किये जाने हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों को यह छूट दी है कि वे चाहें, तो अपने संदर्भ में इन कानूनों में कुछ नये प्रावधान जोड़ सकते हैं. श्री भाटिया ने कहा कि दोनों कानूनों में नये प्रावधान संबंधी अधिसूचना जल्द जारी होगी.
बच्चों का आधार कार्ड बनायें : एमएस भाटिया ने पांच वर्ष तक के राज्य के सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के सिर्फ 25 फीसदी बच्चों का आधार नंबर था. गत चार माह के प्रयास से अब 63 फीसदी बच्चों का अाधार बन गया है. इस मामले में झारखंड देश भर में तीसरे स्थान पर आ गया है. श्री भाटिया ने कहा कि शहरों में ही आधार से अब तक न जुड़ पाये बच्चों की संख्या अधिक है. इसके लिए जागरूकता लानी होगी.

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