रांची: चेक रिपब्लिक के राजदूत मिलान होवोरका ने कहा है कि उनके देश और भारत के बीच काफी बेहतर रिश्ते रहे हैं. दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे. बीआइटी मेसरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इवोल्यूशन इन मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस फोर ग्लोबल कंपीटिटीवनेश को संबोधित करते हुए श्री होवोरका ने कहा कि भारत, चेक रिपब्लिक के साथ औद्योगिक क्षेत्र और विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर समझौता करे.
आनेवाले दिनों में भारतीयों के लिए चेक रिपब्लिक में रोजगार की काफी संभावनाएं सृजित होंगी. उन्होंने कहा कि रांची के साथ उनका पुराना रिश्ता रहा है. खास कर एचइसी की स्थापना में चेक रिपब्लिक की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहा है. इसका लाभ दोनों देशों को लेना चाहिए. सम्मेलन को संबोधित करते हुए एचइसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अभिजीत घोष ने कहा कि औद्योगिक विकास के क्षेत्र में चार बाधाएं हैं.
इनमें उत्पादन लागत, कच्ची सामग्रियों की अधिक कीमत, ऊर्जा की अधिक कीमत और उत्पादों के गुणवत्ता की कसौटी में खरा नहीं उतरना है. उन्होंने कहा है कि अच्छी गुणवत्ता के उत्पादों से ही कंपनियों की साख बचेगी. उन्होंने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और एडवांस रिसर्च केंद्र की स्थापना पर जोर दिया. मारुति सुजूकी कंपनी के मुख्य मेंटर एमएम सिंह ने कहा कि मेक इन इंडिया के नारे से देश का भला नहीं होनेवाला है. इसके लिए जरूरी है कि क्वालिटी इन इंडिया पर अधिक जोर दिया जाये. संस्थान के कुलपति मनोज मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. प्रोडक्शन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय शर्मा ने सम्मेलन का विषय प्रवेश कराया, जबकि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के संजय सेन ने सम्मेलन के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी. आयोजन समिति के सचिव राजीव अग्रवाल ने बताया कि दो दिनों तक चलनेवाले सम्मेलन में 59 शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे.