ऐसे में विभाग इन सड़कों के निर्माण के लिए नये सिरे से प्रयास कर रहा है. विभागीय इंजीनियरों ने बताया कि अधिकतर सड़कें अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं. इन सड़कों के बन जाने से सुदूर व नक्सल प्रभावित गांवों की तसवीर बदल जायेगी. वहीं, उन इलाकों में आवागमन सुगम हो जायेगा. फिलहाल, लोगों को कच्ची सड़कों से होकर आना-जाना पड़ रहा है.
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142 सड़कों का काम फंसा
रांची: राज्य के ग्रामीण इलाकों की 142 सड़कों का काम फंसा हुआ है. इन योजनाअों के लिए टेंडर ही नहीं हो पा रहा है. बार-बार विभाग द्वारा टेंडर निकाला जा रहा है, लेकिन कोई भी काम लेने नहीं आ रहा है. इसे लेकर ग्रामीण कार्य विभाग परेशान है. इसकी जानकारी मुख्य सचिव को दी गयी […]
रांची: राज्य के ग्रामीण इलाकों की 142 सड़कों का काम फंसा हुआ है. इन योजनाअों के लिए टेंडर ही नहीं हो पा रहा है. बार-बार विभाग द्वारा टेंडर निकाला जा रहा है, लेकिन कोई भी काम लेने नहीं आ रहा है. इसे लेकर ग्रामीण कार्य विभाग परेशान है. इसकी जानकारी मुख्य सचिव को दी गयी है. मुख्य सचिव ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिया है.
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत सड़कों का निर्माण कराना था. इसके लिए कई जिलों की योजनाअों को स्वीकृति दी गयी थी. इसमें से सर्वाधिक खूंटी में 68 व लोहरदगा में 57 सड़कों का काम फंस गया है. झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) ने भी कई बार टेंडर का प्रयास किया है. वहीं, कुछ योजनाएं केंद्रीय एजेंसियों के जिम्मे हैं. केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से भी टेंडर करने की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ठेकेदार नहीं आ रहे हैं.
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