आयकर को मिलनेवाली सूचनाओं के आधार पर आयकर अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि 500 और हजार के नोटों के माध्यम से जमा करायी गयी राशि काला धन है या नहीं. इसके लिए आयकर विभाग की ओर से संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर जमा कराये गये धन के स्रोत की जानकारी मांगी जायेगी. इस प्रक्रिया के दौरान यदि यह साबित हुआ कि खाताधारक ने अपनी आमदनी का गलत ब्योरा देकर कालाधन जमा किया है, तो उसके खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 270 ए के तहत कार्रवाई की जायेगी. इस धारा के तहत आयकर अधिकारी को टैक्स की राशि के मुकाबले 50 से 200 प्रतिशत तक अर्थ दंड लगाने का अधिकार है.
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बैंकों में पैसा जमा करनेवालों पर रहेगी आयकर की नजर
रांची : 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किये जाने के बाद उसे बैंकों में जमा करनेवालों पर आयकर की नजर रहेगी. बैंकों या डाक घर में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करनेवालों की सूचना संबंधित संस्थाओं द्वारा आयकर विभाग को दी जायेगी. जांच के बाद बैंकों में काला धन जमा करनेवालों […]
रांची : 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किये जाने के बाद उसे बैंकों में जमा करनेवालों पर आयकर की नजर रहेगी. बैंकों या डाक घर में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करनेवालों की सूचना संबंधित संस्थाओं द्वारा आयकर विभाग को दी जायेगी. जांच के बाद बैंकों में काला धन जमा करनेवालों के खिलाफ आयकर अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी.
बैंक या डाक घर के अपने खाते (सेविंग एकाउंट) में 50 हजार या इससे अधिक राशि जमा करने पर पैन नंबर बताना होगा. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 285 बीए के प्रावधानों के तहत बैंक या डाकघर के किसी खाते में एक साल की अवधि मेें 10 लाख से अधिक की जमा या निकासी की सूचना आयकर विभाग को देना बाध्यकारी है. करेंट अकाउंट में एक साल में 50 लाख या इससे अधिक जमा या निकासी के राशि की सूचना आयकर विभाग को देनी है.
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