Advertisement
नौ नवंबर से अपने भवनों का करें सेल्फ असेसमेंट
रांची: रांची नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत भवनों के होल्डिंग टैक्स का निर्धारण नौ नवंबर से शुरू होगा. नगर निगम ने इसके लिए शहर के सभी भवन मालिकों को तीन माह का समय दिया है. तीन माह के अंदर भवन मालिक को सेल्फ असेसमेंट कर बताना होगा कि उनके भवन का क्षेत्रफल क्या है. तीन माह […]
रांची: रांची नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत भवनों के होल्डिंग टैक्स का निर्धारण नौ नवंबर से शुरू होगा. नगर निगम ने इसके लिए शहर के सभी भवन मालिकों को तीन माह का समय दिया है. तीन माह के अंदर भवन मालिक को सेल्फ असेसमेंट कर बताना होगा कि उनके भवन का क्षेत्रफल क्या है. तीन माह के अंदर भवन का सेल्फ असेसमेंट नहीं करनेवाले भवन मालिकों से नगर निगम जुर्माना के रूप में दो हजार रुपये वसूलेगा. उसके बाद भवन की नापी की जायेगी.
किरायेदार रखने पर डेढ़ गुना टैक्स: नयी नियमावली के तहत अब किरायेदार रखने वाले भवनों को होल्डिंग टैक्स डेढ़ गुना देना होगा. इसके अलावा घर की छतों पर मोबाइल टावर या होर्डिंग लगाने वाले भवनों से उस क्षेत्रफल का डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स लिया जायेगा. इसके अलावा जिन भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होगा. उससे भी डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स लिया जायेगा.
वार्ड कार्यालय में प्रतिदिन लगेगा कैंप: होल्डिंग टैक्स के गणना कार्य में आम नागरिकों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए नौ नवंबर से शहर के 55 वार्डों के कार्यालय में निगम के टैक्स कलेक्टर नौ से 12 बजे तक उपस्थित रहेंगे. यहां आकर लोग अपनी समस्या का निदान जान सकते हैं. इसके अलावा प्रत्येक रविवार को रांची नगर निगम कार्यालय व डोरंडा निगम में दिन के 10 बजे से तीन बजे तक विशेष कैंप का आयोजन किया जायेगा. किसी प्रकार की समस्या होने पर लोग टॉल फ्री नंबर 18001212241 या लैंडलाइन नंबर 0651-714551 पर संपर्क कर सकते हैं.
ऐसे करें अपने भवन की नापी
झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली के तहत भवन के क्षेत्रफल का निर्धारण खुद से करना है. सबसे पहले मेजरमेंट टेप से अपने घर की मापी कर लें. फिर इसकी लंबाई व चौड़ाई काे गुणा कर दें. इसमें भवन का जो आंकड़ा आयेगा. वही आपके भवन का क्षेत्रफल होगा. अगर भवन दो मंजिला या तीन मंजिला है, तो फिर उसी क्षेत्रफल को तीन से गुणा कर दें. इस प्रकार आपके भवन का क्षेत्रफल निकल आयेगा. यहां एक बात ध्यान रखें कि टैक्स बचाने के चक्कर में अपने भवन का क्षेत्रफल कम न दिखायें. अन्यथा मापी में गड़बड़ी पाये जाने पर भवन का एक साल का होल्डिंग टैक्स जितना आता है. उतना टैक्स आपको फाइन के रूप में देना पड़ेगा.
आवासीय भवन का 70% क्षेत्र टैक्स के दायरे में
आवासीय भवन का 70 प्रतिशत हिस्सा टैक्स के दायरे में आयेगा. वहीं व्यावसायिक भवन का 80 प्रतिशत हिस्सा टैक्स के दायरे में आयेगा. यानी आपके घर का क्षेत्रफल अगर 1000 वर्गफीट है, तो 700 वर्गफीट पर टैक्स लगेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement