रांची: भाकपा माओवादियों का झारखंड बंद शांतिपूर्वक गुजरा. देर शाम तक कहीं से भी किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं आयी. माओवादियों ने सजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर झारखंड बंद का आह्वान किया था.
बंद छह फरवरी की रात 12 बजे से सात फरवरी की रात 12 बजे तक प्रभावी था. बंद के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को अलर्ट कर दिया था.
नक्सलियों के खिलाफ गत पांच फरवरी से देशव्यापी अभियान चल रहा है. इस अभियान में भी सतर्कता बरतने को कहा गया था. ट्रेनों व रेल पटारियों की सुरक्षा के लिए हर ट्रेनों में अद्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी थी. माओवादी बंद के कारण नक्सल प्रभावित इलाकों का जन-जीवन प्रभावित हुआ है. नक्सल प्रभावित जिला खूंटी, चाईबासा, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग व गिरिडीह के ग्रामीण इलाके में छोटे-बड़े वाहन नहीं चले. आम लोग घरों में ही सिमटे रहे. राज्य में बसों का परिचालन भी सामान्य दिनों की तुलना में कम हुआ. उल्लेखनीय है कि माओवादियों ने प्रेस, एंबुलेंस व बाराती गाड़ी को बंद से मुक्त रखा था.