रांची: समाज कल्याण विभाग के सचिव डॉ राजीव अरुण एक्का ने जानकारी दी कि हरेक गांव में बाल संरक्षण समिति का गठन होगा. समिति ने गांव से पलायन करनेवाले बच्चों को बाहर नहीं जाने के लिए प्रेरित किया है.
ग्रामीण स्तर पर निगरानी भी रखी जा सकेगी. डॉ एक्का शुक्रवार को अपने कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि एक फरवरी को दिल्ली से 12 बालिकाओं को मुक्त कराकर रांची लाया गया है. इसमें गुमला की चार, रांची की एक, पू. सिंहभूम की दो, गोड्डा की एक, झाझा की एक, साहेबगंज की एक, लातेहार की एक और लोहरदगा की एक बच्ची है.
डॉ एक्का ने बताया कि हमारे यहां से बड़े पैमाने पर काम करने के लिए लड़कियां दूसरे राज्यों में जाती हैं. ुवहां उनका हर स्तर पर शोषण होता है. इसको रोकने के लिए समेकित बाल संरक्षण योजना (आइसीपीएस) चलायी जायेगी. इसकी पूरी राशि भारत सरकार देगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी बनाये जायेंगे. मार्च तक जिला स्तरीय कमेटी बना लेने का लक्ष्य विभाग का है.
लाल किला दिखाने के नाम पर ले गयी दलाल
दिल्ली से मुक्त करायी गयी लोहरदगा जिला निवासी सुनीता कुमारी (नाम बदला) ने बताया कि उसे उनकी सहेलियों ने लाल किला दिखाने के बहाने दिल्ली लेकर चली गयी थी. वहां 28 हजार रुपये में दलाल के पास बेच दिया था. दलाल ने एक घर में काम पर लगवा दिया. काम तो कराया गया, लेकिन पैसे नहीं दिये गये. भाग कर वह थाना चली गयी. वहां से उसे रांची लाया गया.