उक्त बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कही. वे बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व यूनिसेफ द्वारा प्रोजेक्ट भवन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड में काम कर रही निजी कंपनियों से भी सीएसआर के तहत शौचालय निर्माण का अाग्रह मुख्यमंत्री ने किया है. विधायक भी विधायक निधि से 50-50 लाख रुपये शौचालय निर्माण के लिए दे रहे हैं. कई प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.
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स्वच्छ भारत मिशन: कार्यशाला में बोले मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त हो जायेगा झारखंड
रांची: दो अक्तूबर 2019 तक झारखंड राज्य पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त राज्य होगा. इसके लिए राज्य सरकार काफी काम कर रही है. गांव-गांव में लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. उक्त बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कही. वे बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व यूनिसेफ द्वारा […]
रांची: दो अक्तूबर 2019 तक झारखंड राज्य पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त राज्य होगा. इसके लिए राज्य सरकार काफी काम कर रही है. गांव-गांव में लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
उक्त बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कही. वे बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व यूनिसेफ द्वारा प्रोजेक्ट भवन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड में काम कर रही निजी कंपनियों से भी सीएसआर के तहत शौचालय निर्माण का अाग्रह मुख्यमंत्री ने किया है. विधायक भी विधायक निधि से 50-50 लाख रुपये शौचालय निर्माण के लिए दे रहे हैं. कई प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.
कार्यक्रम के दौरान गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, साहेबगंज, जामताड़ा, खूंटी और चाईबासा के डीसी ने इलाके में किये जा रहे कार्यों का ब्योरा दिया.
राज्य के छह प्रखंड खुले में शौच से मुक्त : राजेश शर्मा : स्वच्छ भारत मिशन झारखंड के निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि राज्य में छह प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. 75 प्रखंड इस वर्ष के अंत तक हो जायेंगे. सभी डीसी अपने स्तर से नये प्रयोग कर लक्ष्य की प्राप्ति में जुटे हैं.
झारखंड को तेजी से काम करना होगा : अय्यर
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार के सचिव परमेश्वर अय्यर ने कहा कि भारत में शौचालय निर्माण का कवरेज 54 प्रतिशत तथा झारखंड में 40 प्रतिशत है. देश में 80 हजार गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं, जबकि झारखंड के 1100 गांव ही खुले में शौच से मुक्त हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि दो अक्तूबर 2019 तक झारखंड इस लक्ष्य को पूरा कर लेगा. इसके लिए झारखंड को तेजी से काम करना होगा.
रोडमैप बना, क्रियान्वयन भी हुआ शुरू : एपी सिंह
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि 2014 में रिद्धी फाउंडेशन ने झारखंड का सर्वे किया था और कहा था कि 2067 में झारखंड खुले में शौच से मुक्त हो पायेगा. पिछले वर्ष सरकार ने जब तेजी से काम किया, तब उनका अनुमान 2039 पर आया. यानी एक साल में झारखंड ने 28 साल के गैप को पूरा कर लिया. सभी लोग मिल कर प्रयास करेंगे, तो 2019 के पहले ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
पैशन बनायेंगे, तभी लक्ष्य मिलेगा : डॉ निपुण
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक डॉ निपुण विनायक ने कहा कि वह जानते हैं कि एक-एक डीसी सौ-दो सौ समितियों के चेयरमैन होते हैं. इसके बावजूद स्वच्छ भारत मिशन उनकी प्राथमिकता में शामिल होती है. डीसी इसे पैशन के रूप में लेंगे, तभी लक्ष्य पूरा होगा. गांवों को पहले खुले में शौच से मुक्त करें, इसके बाद ही वहां दूसरी योजना लें.
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