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एजी कॉलोनी प्रशासन ने परिसर में बाहरियों के प्रवेश पर लगा दिया है प्रतिबंध, 35 साल से हो रहा है रास्ते का इस्तेमाल
रांची: गौरीशंकर नगर वासियों और महालेखाकार (एजी) कॉलोनी प्रशासन के बीच रास्ते को लेकर पिछले तीन साल से विवाद चल रहा है. फिलहाल सुरक्षा व अन्य दृष्टिकोण से एजी कॉलोनी प्रशासन ने परिसर में गौरीशंकर नगर में रहने वाले लोगों व बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, गौरीशंकर नगर की ओर […]
रांची: गौरीशंकर नगर वासियों और महालेखाकार (एजी) कॉलोनी प्रशासन के बीच रास्ते को लेकर पिछले तीन साल से विवाद चल रहा है. फिलहाल सुरक्षा व अन्य दृष्टिकोण से एजी कॉलोनी प्रशासन ने परिसर में गौरीशंकर नगर में रहने वाले लोगों व बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
वहीं, गौरीशंकर नगर की ओर खुलनेवाले गेट के लिए समय सीमा भी निर्धारित कर दी गयी है. गौरीशंकर नगर में रहनेवाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वे दावा कर रहे हैं कि वे पिछले 35 साल से एजी कॉलोनी के रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में इजमेंट एक्ट के प्रावधानों का पालन करते हुए पहले की तरह ही रास्ता के इस्तेमाल की अनुमति दी जाये.
1970 के आसपास हुआ था एजी कॉलोनी का निर्माण
गौरीशंकर नगर में रहने वाले सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष श्रीकांत सिंह ने बताया कि एजी कॉलोनी का निर्माण वर्ष 1970 के आसपास हुआ. धीरे-धीरे कॉलोनी परिसर के समीप जमीन खरीद कर सैकड़ों लोगों ने घर बनाया और रहने लगे. उस वक्त से ही ये एजी कॉलोनी के रास्ते का उपयोग करते आ रहे हैं.
गौरीशंकर नगर में रहनेवाले लोगों का यही मुख्य रास्ता है. एक अन्य वैकल्पिक रास्ता है, जो काफी संकीर्ण है. इस रास्ते से बड़े वाहनों का आवागमन नहीं हो सकता है. गेट खुलने का समय सीमा निर्धारित कर दिये जाने की वजह से इस क्षेत्र में रहने वाले आठ हजार से अधिक लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. गौरीशंकर नगर में एजी ऑफिस के दर्जनों रिटायरकर्मी घर बना कर रह रहे हैं.
इजमेंट एक्ट में है रास्ते के इस्तेमाल का प्रावधान
हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि इजमेंट एक्ट 1882 में वैसे प्रावधान किये गये हैं, जिसमें कोई भी व्यक्ति हवा, पानी के साथ-साथ रास्ते के लिए दूसरे की जमीन का उपयोग कर सकता है. इस एक्ट की धारा-15 में आदेश द्वारा अधिग्रहण (इक्विजिशन बाइ प्रिसक्रिप्सन) का प्रावधान किया गया है. इसमें कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति 20 साल तक बिना किसी रुकावट के रास्ते के लिए वैसी जमीन का उपयोग करता है, जिस पर उसका अधिकार नहीं है, तो बाद में उसे इसके इस्तेमाल से नहीं रोका जा सकता है.
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