रांचीः डोरंडा थानेदार अपने काम के प्रति गंभीर नहीं हैं. थाने के बाहर अवैध कोयले के कारोबार का मामला हो, या फिर नदी ग्राउंड साइड में मटका का धंधा, थानेदार ने कभी गंभीरता नहीं बरती. हत्या और छिनतई की घटना में भी इनकी गंभीरता नहीं देखी गयी. सूत्रों की मानें, तो डोरंडा इलाके में हो रही हर गतिविधि की जानकारी थानेदार को रहती है, लेकिन वह कार्रवाई नहीं करते हैं.
थानेदार की लापरवाही का ही आलम है कि इलाके में हो रही किसी भी घटना की जानकारी लोग अब सीधे हटिया डीएसपी को देते हैं. गत माह डोरंडा इलाके के नदी ग्राउंड में मटका के अड्डे के बारे में भी डीएसपी को लोगों ने जानकारी दी, जिसके बाद डीएसपी निशा मुमरू ने मटका के अड्डे को ध्वस्त किया. थानेदार की स्थिति यह है कि डीएसपी भी डोरंडा इलाके में की जानेवाली कार्रवाई की सूचना डोरंडा थानेदार को नहीं देती हैं. कई छापेमारी में डीएसपी ने डोरंडा थानेदार को अलग रखा. जगन्नाथपुर पुलिस के साथ कार्रवाई की.
थाना प्रभारी के बोल
मुझे मटका या अवैध रूप से कोयले की कालाबाजारी की सूचना नहीं थी. मुङो सूचना मिली होती, तो अवश्य कार्रवाई करता. वरीय अधिकारियों की ओर से भी कभी छापेमारी का निर्देश नहीं मिला. अगर डोरंडा में अवैध रूप से कोयला बेचा जाता है, तब तो सबसे ज्यादा कोयला नागा बाबा खटाल के पास बेचा जाता है. वहां पुलिस छापेमारी क्यों नहीं करती है.
ललन ठाकुर, इंस्पेक्टर सह डोरंडा थानेदार