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नि:शक्तों को एक ही छत के नीचे मिलेंगी सारी सुविधाएं
रांची: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि नि:शक्तों के लिए झारखंड में कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) खोला जायेगा. इसमें नि:शक्तों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधा मिलेगी. झारखंड सरकार की ओर से भवन या जमीन उपलब्ध कराये जाने के बाद जल्द ही सेंटर खोला जायेगा. इसके अलावा […]
रांची: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि नि:शक्तों के लिए झारखंड में कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) खोला जायेगा. इसमें नि:शक्तों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधा मिलेगी. झारखंड सरकार की ओर से भवन या जमीन उपलब्ध कराये जाने के बाद जल्द ही सेंटर खोला जायेगा. इसके अलावा नि:शक्तों के लिए नेशनल स्पोर्ट्स सेंटर की स्थापना की जायेगी. उत्तर, दक्षिण, पश्चिम, पूर्व व मध्य क्षेत्र में स्पोर्ट्स सेंटर खोले जायेंगे. श्री गहलोत ने मंगलवार को राजधानी रांची में सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत करते हुए उक्त घोषणा की.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल सिंह ने कहा कि अब 80 प्रतिशत से अधिक नि:शक्तों को बैटरी से चलने वाली मोटर ट्राइसाइकिल दी जायेगी. अभी इन्हें ट्राइसाइकिल दी जाती है. मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले, कृष्ण पाल गुर्जर, कल्याण व महिला बाल विकास मंत्री लुईस मरांडी, कल्याण सचिव एमएस भाटिया आदि मौजूद थे. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव विनोद अग्रवाल व संयुक्त सचिव मुकेश जैन ने सुगम्य भारत अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने किया. इस मौके पर आइएएस राजेश कुमार सिंह की पुस्तक ‘दृष्टि नहीं दृष्टिकोण चाहिए’ का विमोचन किया गया.
46 हजार नि:शक्तों को मिल चुकी है छात्रवृत्ति
श्री गहलोत ने कहा कि पहले नि:शक्त छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद यह योजना शुरू की गयी. सवा दो साल के कार्यकाल के दौरान 46 हजार नि:शक्तों को छात्रवृत्ति राशि प्रदान की गयी है. फेलोशिप योजना के तहत भी छात्रवृत्ति राशि प्रदान की जा रही है.
श्री गहलोत ने बताया कि नि:शक्तों की आर्थिक व सामाजिक स्थित में सुधार के साथ भवनों, अस्पतालों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगहों पर सुगम्य साधन उपलब्ध कराने को लेकर नौ राज्यों में सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की गयी है. झारखंड पांचवां राज्य है, जहां पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की जा रही है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 तक सभी घरेलू एयरपोर्ट को पूर्ण सुगम्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अवधि में 50 प्रतिशत रेलवे स्टेशनों को भी पूर्ण सुगम्य बनाने की योजना है.
नियुक्ति में नि:शक्तों का कट ऑफ मार्क्स घटेगा : रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकारी प्रावधान के तहत नियुक्ति में नि:शक्तों को तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. कट ऑफ मार्क्स ज्यादा होने के कारण इनके पद खाली रह जाते हैं. इनकी रिक्तियों का बैकलॉग हो जाता है. राज्य सरकार अब नि:शक्तों के बैकलॉग को समाप्त करने के लिए नियुक्ति में कट ऑफ मार्क्स घटायेगी. अगर एससी व एसटी का कट ऑफ मार्क्स 30 है, तो नि:शक्तों का कट ऑफ मार्क्स 10 होगा. उन्होंने कहा कि विकास के लिए दृष्टि नहीं दृष्टिकोण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें नि:शक्तों के प्रति दया या उपकार का नहीं, बल्कि अपनापन का भाव रखना चाहिए. श्री दास ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रावास बनाने को लेकर जल्द ही मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी. उन्होंने मंत्रालय से आग्रह कि दीपावली से पहले झारखंड में कैंप लगा कर नि:शक्तों के बीच उपकरण का वितरण किया जाये.
एससी छात्रावास खोलने को तैयार
श्री गहलोत ने कहा कि मंत्रालय झारखंड में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रावास खोलने को तैयार है. 100 बेड का छात्रावास खोलने पर तीन करोड़ और 500 बेड का छात्रावास खोलने पर केंद्र सरकार की ओर से 15 करोड़ की राशि प्रदान की जायेगी. सरकार का प्रस्ताव आने के एक माह के अंदर मंत्रालय अपनी स्वीकृति प्रदान कर देगा.
नि:शक्तों का होगा यूनिक आइडी कार्ड
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि अब नि:शक्तों का यूनिक आइडी कार्ड बनाया जायेगा. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से कर दी गयी है. इस कार्ड से नि:शक्तों को पूरे देश में सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि नि:शक्तों के लिए आधुनिक यंत्र तैयार करने के लिए 286 करोड़ की लागत से प्लांट लगाया जा रहा है.
एनजीओ आगे आयें : अठावले
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सिर्फ सरकार के भरोसे नि:शक्तों का उत्थान संभव नहीं है. इसके लिए सामाजिक व गैर सरकारी संगठनों को आगे आना होगा. नि:शक्तों को तीन प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिले, इसे राज्य सरकार सुनिश्चित कराये.
शुरू होगा सिंगल विंडो सिस्टम
कल्याण सह महिला बाल विकास मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि नि:शक्तों के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित हैं. झारखंड में लगभग सात लाख नि:शक्त हैं. सरकार इनके उत्थान को लेकर सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा विशेष शिक्षक नियुक्ति नियमावली भी तैयार की जा रही है. मोबाइल कोर्ट के सहारे इनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.
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