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रांची जिले में 80 % आवेदनाें के निबटारे में हुआ विलंब
रांची: राइट टू सर्विस एक्ट के जरिये रांची जिला मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों में मात्र 19.42 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन हुआ है. यानी, 79.24 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समय के भीतर नहीं हो सका. रांची जिला मुख्यालय में विभिन्न सूचनाओं से संबंधित 2152 आवेदन आये. जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में 152 आवेदन आये. […]
रांची: राइट टू सर्विस एक्ट के जरिये रांची जिला मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों में मात्र 19.42 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन हुआ है. यानी, 79.24 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समय के भीतर नहीं हो सका.
रांची जिला मुख्यालय में विभिन्न सूचनाओं से संबंधित 2152 आवेदन आये. जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में 152 आवेदन आये. इनमें से 140 आवेदनों का निष्पादन विलंब से हुआ है. वहीं, 1.32 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समय से पूर्व हुआ है. आवेदनों को ऑनलाइन जमा किया जाना है. इसके लिए राइट टू सर्विस पोर्टल बनाया गया है. यह पोर्टल विभागवार बनाये गये हैं. इस पोर्टल में ही आवेदन को अपलोड करना है और उसके एवज में आवेदक को पावती रसीद देनी है.
दो सौ सेवाएं जुड़ी हैं राइट टू सर्विस से
राइट टू सर्विस एक्ट वर्ष 2011 में झारखंड में लागू हुआ. इस एक्ट से अभी तक कुल 200 सेवाएं जुड़ी हैं. इस एक्ट के जरिये हर सेवाओं के लिए समय का निर्धारण किया गया है.
सजा का भी प्रावधान
राइट टू सर्विस एक्ट द्वारा तय समय सीमा के अंदर ही आमजनों का काम करना है. अगर समय सीमा के अंदर कार्य पूरा नहीं हुआ तो इसके लिए दंड का भी प्रावधान है. इसमें न्यूनतम 500 से रुपये से लेकर अधिकतम 5000 रुपये अर्थदंड का प्रावधान है. समय पर कार्य नहीं होने से असंतुष्ट हैं, तो अपील में भी जा सकते हैं. यदि प्रथम अपीलीय प्राधिकार के जवाब से भी असंतुष्ट हैं, तो द्वितीय अपील प्राधिकार के पास भी अपील कर सकते हैं.
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