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दवा रहते, खत्म होने का अब बहाना नहीं
रांची: नयी व्यवस्था के तहत रिम्स प्रबंधन एक नया साफ्टवेयर ला रहा है, जिससे हर वार्ड में दी गयी दवाओं का स्टॉक और उपलब्ध दवाओं का पूरा ब्योरा दर्ज रहेगा. यानी अब यहां दवा खत्म होने का बहाना नहीं बनाया जा सकेगा और न ही वार्डों में भरती मरीजों के परिजनों पर बाहर से दवा […]
रांची: नयी व्यवस्था के तहत रिम्स प्रबंधन एक नया साफ्टवेयर ला रहा है, जिससे हर वार्ड में दी गयी दवाओं का स्टॉक और उपलब्ध दवाओं का पूरा ब्योरा दर्ज रहेगा. यानी अब यहां दवा खत्म होने का बहाना नहीं बनाया जा सकेगा और न ही वार्डों में भरती मरीजों के परिजनों पर बाहर से दवा लाने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि मरीज हित में अधिकांश जरूरी दवाएं मंगायी जाती हैं. स्टोर से दवा का वितरण भी वार्ड को किया जाता है, लेकिन अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि मरीजों को दवा नहीं मिल रही है. प्रबंधन परिजनों की शिकायत का स्थायी निदान चाहता है, इसलिए यह सेवा शुरू की जा रही है.
जिम्मेदारी होगी तय
नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद दवा की कमी का बहना बनाने वाले कर्मचारियों
की जिम्मेदारी तय की जायेगी. दवा : के स्टोर से लेकर वार्ड की नर्स इसके लिए जिम्मेदार होगी. साॅफ्टवेयर होने से यह स्पष्ट हो जायेगा कि कहां से गलती हुई है.
दवाओं का पूरा स्टॉक रहता है, इसके बावजूद वार्ड में भरती मरीजों को दवा न मिलने की शिकायतें आती हैं. नयी व्यवस्था से कंप्यूटर में हर वार्ड को दी गयी दवा का रिकॉर्ड दर्ज होगा. इसके बाद जहां गड़बड़ी मिलेगी, वहां कार्रवाई की जायेगी.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
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