वहीं प्रार्थियों की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अमित कुमार ने अदालत को बताया कि पांचवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में कई प्रकार की अनियमितता बरती गयी है. मुख्य परीक्षा में 520 अभ्यर्थियों की कॉपियों को जांच कर उन्हें रिजेक्ट किया गया था. साथ ही, परीक्षा में एक विशेष विषय से 72 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. पिछली बार की तरह इस बार स्केलिंग की कोई व्यवस्था लागू नहीं की गयी. मालूम हो कि प्रार्थी सुषमा सांगा व अन्य की अोर से रिट याचिका दाखिल की गयी है. प्रार्थियों ने पांचवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा को रद्द करने की मांग की है.
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मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, पांचवीं जेपीएससी परीक्षा मामले में मांगा जवाब
रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस प्रमथ पटनायक की अदालत ने मंगलवार को पांचवीं जेपीएससी परीक्षा को लेकर दायर विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. जवाब शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस प्रमथ पटनायक की अदालत ने मंगलवार को पांचवीं जेपीएससी परीक्षा को लेकर दायर विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. जवाब शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
इससे पूर्व जेपीएससी की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा व संजय पिपरवाल ने याचिका की मेंटनेबिलिटी पर सवाल उठाया. कहा गया कि परीक्षा से संबंधित अोएमआर शीट आयोग ने वेबसाइट पर जारी कर दिया था, ताकि अभ्यर्थियों ने क्या गलती की थी, उसकी जानकारी उन्हें मिल जाये. जरूरत पड़ेगी, तो उसे अदालत में प्रस्तुत किया जा सकता है.
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