काफी तलाश करने के बाद उन्हें शक हुआ, तो जिसे टाटा का मजदूर बताया गया था, चादर उठा कर उन लाेगाें ने उसका चेहरा देखा, तब पता चला कि वह रूपेश का शव है़ उसके बाद उन्होंने अन्य परिजनों की इसकी जानकारी दी़ सभी लोग रिम्स पहुंचे़ पुलिस कस्टडी में मौत की खबर तेजी से फैल गयी. परिजन रिम्स में हंगामा करने लगे़ डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव सहित कई पुलिस अधिकारी रिम्स पहुंचे़ इसके बाद काफी संख्या में पुलिस कर्मियों को रिम्स बुला लिया गया़ पुलिसकर्मियाें ने हंगामा कर रहे परिजनों को समझा कर शांत कराया़.
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टाटा का मजदूर बता कर पुलिस ने रिम्स में कराया नाबालिग को भर्ती
रांची : नाबालिग रूपेश की मौसी व चचेरे भाई ने बताया कि टाटा का अज्ञात मजदूर बता कर रूपेश को रिम्स लाया गया था़ पुलिस गिर कर मौत होने की बात कह कर शीघ्र पोस्टमार्टम कराना चाह रही थी़ रूपेश की मौसी व भाई जब रिम्स में रूपेश की तलाश करने लगे, तब बुंडू के […]
रांची : नाबालिग रूपेश की मौसी व चचेरे भाई ने बताया कि टाटा का अज्ञात मजदूर बता कर रूपेश को रिम्स लाया गया था़ पुलिस गिर कर मौत होने की बात कह कर शीघ्र पोस्टमार्टम कराना चाह रही थी़ रूपेश की मौसी व भाई जब रिम्स में रूपेश की तलाश करने लगे, तब बुंडू के नाम और पता वाले किसी भी मरीज के वहां भरती होने की जानकारी नहीं मिली़ .
दो दिन पहले दी गयी थी पदाधिकारियों को जेजे एक्ट की जानकारी : दो दिन पहले पुलिस अधिकारियाें को जुबेनाइल जस्टिस एक्ट(जेजे एक्ट ) के संबंध में पूरी जानकारी दी गयी थी़ उसमें बताया गया था कि नाबालिग के पास पुलिस हमेशा सिविल ड्रेस में जायेंगे़ उनसे पूछताछ के दौरान कभी भी थर्ड डिग्री (प्रताड़ित करना) का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा़ शाम छह बजे के बाद उन्हें हिरासत में नहीं लिया जा सकता़ नाबालिग को कहां ले जाया गया है, इसकी पूरी जानकारी उनके परिजनों को देनी होगी. फिर भी पुलिस अधिकारियों ने इन बातों पर अमल नहीं किया.
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