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ठगी करने का पुराना रिकार्ड है मदन पांडेय का
मामला जैप में नियुक्ति के नाम पर साहेबगंज में हुई वसूली का रांची : जैप में चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति के लिए साहेबगंज में 24 युवकों से हुई वसूली का मास्टरमाइंड मदन पांडेय है. नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मदन पांडेय का पुराना रिकार्ड है. वर्ष 2012 में उसने पाकुड़ में नौकरी […]
मामला जैप में नियुक्ति के नाम पर साहेबगंज में हुई वसूली का
रांची : जैप में चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति के लिए साहेबगंज में 24 युवकों से हुई वसूली का मास्टरमाइंड मदन पांडेय है. नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मदन पांडेय का पुराना रिकार्ड है. वर्ष 2012 में उसने पाकुड़ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी. इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी. मदन पांडेय के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
वर्ष 2011 में वसूले थे 10.50 लाख : ठगी का मामला प्रकाश में आने के बाद जैप ने नियुक्ति मामले की जांच की. इसमें यह तथ्य सामने आया है कि जिन 24 युवकों ने ठगी की बात कही है, उन सभी से करीब 67 लाख रुपये की ठगी की गयी. इनमें से तीन युवक सत्यदेव यादव, संतोष कुमार यादव व पंकज यादव से इस बहाली के नाम पर ठगी नहीं की गयी. तीनों से जैप में नियुक्ति के लिए निकले विज्ञापन संख्या-02/11 में सफल कराने के लिए 10.50 लाख रुपये की वसूली मदन पांडेय और देवेंद्र मिश्रा ने मिल कर की थी.
अफसरों से है मदन पांडेय की जान-पहचान
मुख्य आरोपी मदन पांडेय एक एनजीओ का संचालन करता है. पाकुड़ और साहेबगंज जिला में वह काम करता है. इस कारण वह कई वरीय अधिकारियों के संपर्क में लगातार रहा है. इसमें कई एसपी-डीसी शामिल हैं. जैप-नौ के तत्कालीन कमांडेंट हरिनारायण महली से भी उसकी पहचान उनके पाकुड़ पदस्थापन के दौरान ही हुई थी.
गांव के युवक थे बिचौलिया की भूमिका में
जिन युवकों ने रुपये की वसूली कर ठगी करने की शिकायत पुलिस से की है, उसमें एक ने मदन पांडेय से हुई बातचीत को रिकार्ड भी किया था. उस रिकार्ड को सुनने के बाद जांच कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि महादेवगंज गांव के ही कुछ युवक मदन पांडेय और उम्मीदवारों के बीच बिचौलिये की भूमिका में थे.
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