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राजधानी में ही उड़ रहीं है नियमों की धज्जियां, मंदिर हो या पाठशाला बगल में है मधुशाला
राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मंगलवार को कहा था कि झारखंड में स्कूल, कॉलेज, मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा के बगल में शराब की दुकान न हो, यह सुनिश्चित किया जायेगा. यदि कहीं खुली है, तो इसकी जांच की जायेगी और कार्रवाई की जायेगी. नियम भी यही कहता है, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है […]
राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मंगलवार को कहा था कि झारखंड में स्कूल, कॉलेज, मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा के बगल में शराब की दुकान न हो, यह सुनिश्चित किया जायेगा. यदि कहीं खुली है, तो इसकी जांच की जायेगी और कार्रवाई की जायेगी. नियम भी यही कहता है, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि पूरे राज्य की बात छोड़ें, झारखंड की राजधानी रांची में भी इस नियम की धज्जियां उड़ रही है. ये दुकानें एक या दो दिन में नहीं खुली हैं, बल्कि वर्षों से चल रही हैं.
रांची: शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर बने मंदिर व स्कूलों के बगल खुलेआम शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं. ऐसा नहीं है कि इसके बारे में अधिकारियों को पता नहीं है, लेकिन इन दुकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. आप शहर के किसी भी चौक-चौराहे से गुजरेंगे, तो यह दुकान शैक्षणिक संस्थानों व धार्मिक स्थलों से पहले नजर आ जायेगी. प्रभात खबर की टीम ने बुधवार को शहर के कुछ चौक-चौराहों (कोकर, लालपुर, सर्कुलर रोड, रातू रोड, ओवरब्रिज) का जायजा लिया. टीम ने पाया कि स्कूलों व धार्मिक स्थलों से महज 10 कदम की दूरी पर शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं. शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक लालपुर चौक में हनुमान मंदिर के ठीक बगल में शराब की दुकान है. सरकार की मनाही के बाद भी शहर में शैक्षणिक संस्थानों व धार्मिक स्थलों के आस-पास शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं.
क्या है नियम
उत्पाद नियमावली 47 में धार्मिक स्थलों, स्कूलों और अस्पताल के पास ऑन शॉप खोलने पर पाबंदी है. शहरी क्षेत्र में धार्मिक स्थल, स्कूल, अस्पताल से 50 मीटर के दायरे में और ग्रामीण क्षेत्र में 100 मीटर के दायरे में ऑन शॉप नहीं खोली जा सकती है.
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