रांचीः श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग में 2013-14 में इस वर्ष कम गतिविधियां रही हैं. शुरू के पहले सात महीने तक राष्ट्रपति शासन के दौरान बहुत कम ही काम हो पाये. सितंबर माह में हेमंत सोरेन की सरकार बनने पर कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर दुबे को श्रम मंत्रलय की जवाबदेही सौंपी गयी है. नये मंत्री के कार्यकाल में नौ औद्योगिक संस्थानों के प्रबंधन का जिम्मा चयनित संस्थाओं को दिया गया. कुल 14 संस्थानों के साथ सरकार ने यह समझौता किया है. 9.50 लाख पेंशनधारियों को पारदर्शी तरीके से पेंशन दिये जाने की व्यवस्था नहीं शुरू हो पायी. राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यहां तक कह दिया कि इनमें से 1.50 लाख पेंशनधारी फरजी हैं, जो विभिन्न जिलों में हैं. सरकार ने इन फरजी पेंशनधारियों को दी जानेवाली 400 रुपये की पेंशन राशि को रोकने का निर्णय लिया है. चालू वित्तीय वर्ष में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, विकलांगता पेंशन और एक अन्य योजना के तहत 350 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों को जोड़ दिया गया है.
पंचायत स्तर पर पलायन करनेवाले मजदूरों को बीमा से जोड़ने और सरकार की ओर से दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकार की ओर से योजना के तहत अनुसूचित जाति के 240 और अनुसूचित जनजाति के 560 लाभुकों को जोड़ने का सरकार ने कार्यक्रम भी तय किया गया था. इसकी प्रगति धीमी है. वहीं बीड़ी मजदूरों के लिए आवास बनाने का कार्यक्रम भी पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, देवघर और गोड्डा, चक्रधरपुर सब डिविजन के पश्चिमी सिंहभूम जिला, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के चतरा और हजारीबाग और पलामू प्रमंडल के पलामू और लातेहार में 40 हजार की लागत से घर बनाया जाना था. इस योजना का काम भी धीमा है. 13वें वित्त आयोग के पैसे से 20 नये आइटीआइ बनाने का काम भी धीमा चल रहा है. 50 करोड़ रुपये का प्रावधान इस वित्तीय वर्ष में किया गया है. सरकार की ओर से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के लिए जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, पटमदा,, चांडिल, सिल्ली और चंदन कियारी में भवन बनाने का काम चल रहा है.
श्रम मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के तहत खेतों में काम करनेवाले और घरों काम करनेवाले मजदूरों के वर्गीकरण करने का निर्देश भी दिया है. वैसे इस बोर्ड से निबंधित 1.10 लाख मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. विभाग की ओर से 36 लाख परिवारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा गया है.
इसमें घरेलू कामगार, बीपीएल परिवार, बीड़ी वर्कर के परिवार, मनरेगा परिवारों को शामिल किया गया है. सरकार ने कंस्ट्रक्शन कंपनियों के कुल प्रोजेक्ट कास्ट से एक प्रतिशत बोर्ड में सेस देने का निर्देश दे रखा है, पर अब तक इस आदेश का कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियां पालन नहीं कर रही हैं. विभाग में कर्मियों की कमी को अब तक नहीं सुलझाया गया है.